मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने किया राजगढ़ चिकित्सालय का निरीक्षण

राजगढ़ (अलवर/ अनिल गुप्ता) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेन्द्र शर्मा राजगढ़ पहुंचे। जहां उन्होंने दोनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए आउटडोर अधिक चलने की सूचना पर आउटडोर समय मे चिकित्सालय पहुँचे। जहां उन्होंने व्यवस्थाओं के बारे मे चिकित्सको से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि शनिवार की ओपीडी करीब 13-1400 रहा है। यहां पर पर्याप्त मात्र में चिकित्सक पदस्थ है। व्यवस्थाओं को देखते हुए आउटडोर की संख्या ज्यादा नही है। इस समय वायरल का प्रकोप रहता है। उसको देखते हुए दवाईयों की व्यवस्था उचित है। जो सुविधाएं मरीज को दी जानी चाहिए वो दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि राजगढ़ चिकित्सालय में सोनोग्राफी की मशीन की व्यवस्था करवाई गई हुई है। सोनोग्राफी मशीन शुरू भी करवाई गई थी। शुरू के दो-तीन महीने सुचारू रुप से चली थी। लेकिन अभी देखने मे आया है कि सोनोग्राफी मशीन पूरी तरह से नही चल पा रही है। पूरे महीने में करीब 10-12 सोनोग्राफी हो पाई है। सोनोग्राफी को लेकर चिकित्सा प्रभारी अधिकारी व बीसीएमएचओ से चर्चा की गई। जो चिकित्सक है पीपीडीएन्सी के तहत सोनोग्राफी करने की अनुमति दी गई है। जिनका तीन-तीन घण्टे का रोस्टर बनाया गया है। जिससे चिकित्सालय के समय पर सोनोग्राफी की सुविधा मिल सके। जनाना चिकित्सालय में अधिकांश गर्भवती महिलाएं आती है। गर्भवती महिलाएं आती है, जिन्हें सोनोग्राफी का अनावश्यक भार झेलना पड़ता है। माँ वाउचर योजना के तहत जो भी गर्भवती महिलाएं है उनको एक सोनोग्राफी 12 सप्ताह के बाद निजी सेंटर पर फ्री करवा सकती है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में चल रही लैबोरेटरी को रजिस्ट्रेशन करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस क्रम में अलवर जिला सीएमएचओ कार्यालय में भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने सभी लैबो को चलाने वाले लोगों को बीसीएमओ ऑफिस के माध्यम से पत्र भिजवाने की बात कही कि प्रत्येक लैब का किस तरह से रजिस्ट्रेशन हो रखा है। उसकी भी जांच की जाएगी। इस अवसर पर बीसीएमओ डॉ. विशाल सिद्ध, चिकित्सा प्रभारी डॉ. रमेश मीना सहित चिकित्साकर्मी मौजूद रहे।
गौरतलब रहे कि राजगढ़ कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों लैब अनाधिकृत रूप से चल रही है जिन पर किसी भी प्रकार के तकनीकी और सरकार द्वारा दिए गए अधिकृत प्रमाण-पत्र और मंजूरी भी मौजूद नहीं है।






