एक दर्जन गाँवो में पीले चावल बांटकर आरक्षण के लिए युवाओं से आगे आने का किया आवाहन
भरतपुर,राजस्थान / पदम चंद जैन
ड़ीग (20 दिसंबर) भरतपुर धौलपुर के जाटों को ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर प्रस्तावित अनिश्चित कालीन महापड़ाव की तैयारियों को लेकर रविवार को जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारीयो ने ड़ीग उप खंड के दर्जनों गांव में युवाओं को पीले चावल वितरण करके 25 दिसंबर को महापड़ाव में खेड़ली मोड़ पर आने के लिए आमंत्रण दिया । जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने संपर्क अभियान के दौरान युवाओं से उनके भविष्य की इस लड़ाई में आगे आने का लिए आवाहन करते हुए कहां कि यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति विशेष की नहीं है ना ही किसी राजनीतिक दल की है यह समाज का फर्श है इस फर्श पर सभी दल के नेताओं का स्वागत है। फौजदार ने कहा कि युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए सभी दलों के नेताओं को आगे आना चाहिए । उन्होंने कहा कि हम कोई नेता नहीं है। हम तो समाज में एकजुटता लाने के लिए घर-घर पीले चावल बांटकर एक नाई का काम कर रहे हैं ।भारत के संविधान में जातियां जरूर हैं लेकिन जाति का बटवारा संविधान में कहीं नहीं लिखा है । 31 जिले के जाटों को 1998 में ही आरक्षण दे दिया गया लेकिन सरकार ने भरतपुर धौलपुर के जाटों के ओबीसी के आरक्षण को एक मखोल बना रखा है।
जब सरकार द्धारा जाटों को 23 अगस्त 2017 को ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में आरक्षण दे दिया गया तो अब तक राज्य सरकार ने केंद्र के आरक्षण के लिए चिट्ठी क्यों नहीं लिखी ।2013 में जिन युवाओ का विभिन्न विभागों में चयन हुआ है हाई कोर्ट का भी आदेश होने के बावजूद भी राज्य सरकार उन युवाओं को नियुक्ति नहीं दे रही है । 2017 के आंदोलन के दौरान जो मुकदमे समाज के लोगो पर लगाये गये है सरकार ने उन मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया भी अभी तक तय नहीं की है। इन सारी बातों से तो यही लगता है कि सरकार आंदोलन चाहती है। इस लिए जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस को युवाओं के भविष्य के लिए संघर्ष दिवस में के रूप में मनाने का निर्णय लिया हैं जिसके अन्तर्गत जाट ओबी सी आरंक्षण की मांग को लेकर खेड़ली मोड़ पर अनिश्चित कालीन महापड़ाव डाल करके बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में जो भी नुकसान होगा उसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी । क्योंकि समाज ने अब तक सरकार को कई बार मौका दिया है। लेकिन लगता हैं कि सरकार समाज के धैर्य की परीक्षा ले रही है। अब तो 25 दिसंबर से आर पार की लड़ाई का ऐलान होगा। इस जनसंपर्क अभियान के दौरान बृजेश सरपंच, रमेश बाबा ,हुकम सिंह राजू भगत कुलदीप सिंह हरवान छोकरवाड़ा आदि लोग उनके साथ थे।