समारोह में भोजन को जूठा न छोङे,पर्यावरण सेवक लोगों को करते हैं जागरूक
जागरूकता संदेश लिखी तख्तियां व बैनर गले में लटकाकर भोजनशाला में देते हैं संदेश ...... पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को कराते हैं तांबे के लोटों से जलपान
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल)
धोरीमन्ना: पर्यावरण संरक्षण व मानव कल्याण के लिए पर्यावरण सेवक भारतभर में लोगों को जागरूक कर रहे हैं ताकि हमारा पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त हो सके और मानव जाति में सुधार हो सके।इसके लिए एक टीम काम करते दिखी जो देशभर में जागरूकता का संदेश देती हुई गुरुवार को धोरीमन्ना शहर में आयोजित सामाजिक समारोह में पहूंची।टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्थान द्वारा प्रायोजित कोशिश पर्यावरण सेवक टीम जो पर्यावरण संरक्षण और मानव कल्याण के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में निस्वार्थ रूप सक्रिय होकर जन-जागरूकता का संदेश दे रही है।यह टीम पिछले ढाई दशक से अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद खमुराम बिश्नोई के नेतृत्व में भारत ही नहीं विश्व स्तर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे चुकी है।इस टीम जुड़े हुए लोग पर्यावरण सेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से सेवा देते हैं और सभी का एक ही लक्ष्य धरती को पॉलिथीन से मुक्त किया जाए और मानव कल्याण के लिए नशामुक्त देश बनाया जाए व भोजनशाला को जूठन मुक्त किया जाए ताकि अन्न की बचत हो सके।
वर्तमान में बदलते परिवेश के कारण विश्व के सामने पर्यावरण प्रदूषण और भोजन की विकट समस्या उत्पन्न हो रही है समय रहते इस पर विचार नहीं किया गया तो यह समस्या विकराल रूप ले लेगी।ऐसी स्थिति में इन पर्यावरण सेवकों के संदेश पर प्रत्येक व्यक्ति को गौर करना होगा और इनके साथ जुड़कर इस मुहिम को गांव-गांव व घर-घर तक पहूंचाना ताकि हर व्यक्ति को यथास्थिति के बारे जानकारी हो सके।इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पर्यावरण सेवक भारतभर में अलग-अलग स्थानों पर आयोजित सामाजिक समारोह,विवाह समारोह, धार्मिक मेलों,सार्वजनिक स्थलों,पर्यटन स्थलों पर जाकर पर्यावरण प्रदर्शनी लगाते हैं और लोगों को संदेश देते हैं कि पर्यावरण का समय रहते संरक्षण नहीं किया तो हमारा भविष्य संकट पङ जायेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें पेङों की कटाई रोककर अधिक से अधिक पेङ लगाने होंगे और भोजन का आदर करना होगा यानि आवश्यकता के अनुसार भोजन करना होगा।बङे-बङे समारोह में भोजन को खाने की बजाय कई गुणा जूठा छोड़ देते जो व्यर्थ नाली में बह जाता है ।इस तरह का संदेश देते हुए कोशिश पर्यावरण सेवक टीम सांचौरी-मालाणी धोरीमन्ना शहर में पहूंची और लोगों को जागरूक कर सराहनीय किया। टीम में प्रभारी किशनाराम बांगङवा,सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई,गंगाराम खिचङ, मोहनलाल कालीराणा, गुमानाराम साऊ,जितेन्द्र खिचङ ,विवेक आनन्द, वगताराम भाम्भु,श्रीराम ढाका सहित कई पर्यावरण सेवकों ने लोगों को पर्यावरण व अन्न के महत्व के प्रति जागरूक करते हुए तांबे के लोटों से जलपान कराते हुए प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति को अपनाने का संदेश दिया।