सरकारी योजनाओं का लाभ रामगढ़ विधानसभा में अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने में जनप्रतिनिधि नाकाम

Aug 22, 2023 - 08:01
Aug 22, 2023 - 12:30
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सरकारी योजनाओं का लाभ रामगढ़ विधानसभा में अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने में जनप्रतिनिधि नाकाम

गोविंदगढ़, अलवर (अमित खेड़ापति)

राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं का पिटारा लगातार खोल रहे हैं मंशा सिर्फ एक है कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति को मिल सके और योजनाओं का लाभ उठाकर आमजन लाभान्वित हो सके। लेकिन राजस्थान सरकार के द्वारा जो गाइडलाइन लाभान्वित के लिए बनाई गई है वह बिना सर्वे और जांच किए दी जा रही हैं जिससे कि गरीब और पात्र व्यक्ति इनसे वंचित रह रहे हैं। हालात यह है कि लोग शोचालय के किए भी आज अधिकारियों के चक्कर काट रहे है ओर वह भी उन्हे नसीब नही हो पा रहे है। गरीब वंचित लोग बाजार से राशन खरीद कर जीवन यापन कर रहे है 
हम बात कर रहे है रामगढ़ विधानसभा के गोविंदगढ़ क्षेत्र की जहां जरूरतमन्द लोग सरकारी योजनाओ के लाभ से वंचित है गोविंदगढ़ नगरपालिका क्षेत्र का आकुब खान अपने परिवार के साथ 1 कमरे मे रहता है जो भी छोटा है जिसपर टीन डली हुई है घर मे शोचालय तक नहीं है आकुब खान ने बताया की वह प्रधानमंत्री आवास के लिए अधिकारियों के चक्कर काट काट कर थक चुका है उसे कोई भी जवाब नही मिल रहा है बस एक जानकारी जरूर मिली कि नाम तो था लेकिन काट दिया गया। आकुब ने बताया कि जिला पार्षद ओर पंचायत समिति सदस्यो के चुनाव के समय विधायक साफिया जुबेर खान आई थी ओर कह कर गई थी जल्द ही आपका काम करवा देंगे लेकिन वह भी अधूरा है bpl के लिए टीम सर्वे के लिए आई थी वह भी आज तक नहीं हुआ इस सरकार मे शायद गरीबो कि कोई सुनने वाला नहीं है 
यही हाल रोशनी जाटव का है जिनका कच्चा मकान 2019 मे आए तूफान मे गिर गया तब तत्कालीन उपखंड अधिकारी के आदेश पर पटवारी लक्ष्मी शर्मा ने रिपोर्ट बना कर भेजी लेकिन आज तक सरकार ने उनकी सुध नहीं ली । इंतजार है सरकार के जनप्रतिनिधि इनकी कब सुनेगे। या चुनाव के समय आमजन अपने मत के जरिये अपना विरोध दर्ज करवाएगी ।
यही हाल क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे लोगों का है जिनके घर में चार पहिया वाहन ,दुपहिया वाहन ,घर में AC लगे हुए हैं वह खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं।  यह नहीं की तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच को इसकी जानकारी नहीं थी वह तो सिर्फ अपने नंबर बढ़ाने में लगे हुए थे और उन्हें खुश करने के चक्कर में जो हकदार हैं उन्हें वंचित कर दिया। सरकार अंतिम व्यक्ति को लाभ पहुंचाना चाहती है लेकिन यहां तो अपनों को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य नजर आ रहा है गरीब को तो रोटी मिले या ना मिले उन्हें इससे कोई मतलब नहीं हालात यह हैं कि निशुल्क उपचार के चक्कर में धनवान व्यक्ति भी खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने हुए हैं और उनका साथ दबंग लोगों का द्वारा दिया जा रहा है जो कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी कहे जाते हैं यह हाल पूरी पंचायत समिति क्षेत्र का है 

रिटायर्ड अध्यापक एवं पूर्व शिक्षक नेता कमलेश खेड़ापति ने बताया कि राजस्थान सरकार के द्वारा रामगढ़ विधानसभा में खाद्य सुरक्षा के लाभान्वितों का सर्वे कराए बिना योजना लागू कर दी यही हाल सामाजिक पेंशनधारीयो का है जिनका सर्वे एक स्थान पर बैठकर पूरा कर दिया गया वहां यह तय नहीं किया गया कि लाभान्वित योजनाओं के लिए पात्र हैं या नहीं हालत यह है कि लगातार शिकायतें की जाने के बाद भी रामगढ़ विधानसभा में अपात्र लोगों के नाम नहीं हटाए गए हैं हालत यह है कि सरकार के द्वारा जो खाद्य सुरक्षा के फार्म भरवा गए थे उन्हें अभी तक लाभ मिलना प्रारंभ नहीं हुआ है। और जो अपात्र लोग हैं उन्हें वर्तमान में सभी योजनाओं के लाभ सरकार के द्वारा दिए गए हैं हालात यह है कि उन्हें राशन किट तक सरकार के द्वारा दे दी गई जिनके घरों में चार पहिया वाहन तक खड़े हैं वह इनका लाभ ले रहे हैं और जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं वह लाभ से वंचित हैं यह किस प्रकार का न्याय यह किस प्रकार का विधान है।  क्या वर्तमान सरकार के नुमाइंदे कुछ महीने बाद होने वाले चुनाव के दौरान निगाह मिला पाएंगे क्योंकि जब इन जनप्रतिनिधियों ने उन्हें किसी प्रकार से लाभान्वित किया ही नहीं तो वह है इन लोगों से किस प्रकार अपनी सरकार और अपने लिए वोट मांगेंगे।

गौरतलब है कि वर्तमान विधायक साफिया जुबेर खान एवं मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन जुबेर खान से क्षेत्र में प्रवास के दौरान इस बारे में बात की गई और जब उनसे कहा गया कि क्षेत्र में अपात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं और पात्र लोग वंचित हैं तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि आप नगरपालिका क्षेत्र में चेयरमैन से बात कीजिए और ग्राम पंचायत क्षेत्र में सरपंच से वही इन नामों को कटवा कर लाभान्वित तो को जुड़वा पाएंगे लेकिन जब विधायक और एक मंत्री प्राप्त दर्जा जनप्रतिनिधि इन बातों को कहे तो फिर सरपंच और चेयरमैन आमजन की कैसे सुनेगा। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने तो यहां तक बतलाया है कि सरपंच नाम को कटवाने का इच्छुक नहीं है क्योंकि उन्हें उनसे वोट चाहिए वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते तो फिर सरकार अंतिम व्यक्ति को लाभ कैसे दिल पाएगी यह तो आने वाले समय में चुनाव के दौरान जनता मतों के जरिए बतला पाएगी।

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