अलवर के सरकारी कॉमर्स कॉलेज में हुई खादी पर चर्चा:खादी मात्र कपड़ा नहीं है , समानता और स्वतंत्रता का विचार है - डॉ जीवन सिंह मानवी
रैणी(अलवर)महेश चन्द मीना
अलवर जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय अलवर में 18 अक्टूबर को भारत सरकार के युवा मामलात एवं खेल मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के निर्देशों की अनुपालना में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में खादी पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरूआत स्वयं सेविकाओं ने एनएसएस लक्ष्य गीत गाकर की।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वक्ता , प्रसिद्ध साहित्यकार और आलोचक , डॉ. जीवन सिंह मानवी रहे।
महाविद्यालय के प्रोफेसर हरगोविंद खरेरा ने अतिथियों का खादी अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। मुख्य वक्ता डॉ. मानवी ने खादी के इतिहास को समझाते हुए खादी का जनजीवन में उपयोग और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका को लेकर विचार रखें।
इस दौरान उन्होंने बताया कि गांधी जी ने अपने राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले से प्रेरणा लेकर भारत की यात्रा के दौरान जन सामान्य के जीवन में खादी के उपयोग को जाना और इसके आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका की जरूरत को समझा तथा उन्होंने बताया कि खादी मात्र सामान्य कपड़ा नहीं है बल्कि यह एक विचार भी है जिसने भारतीय आजादी के आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मंच संचालक प्रोफेसर भागीरथ मीना ने खादी गीत को सुनाकर खादी की महत्वता और खादी की असहयोग आंदोलन के समय रही भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. अंजली नागर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान डॉ. भगवान मीना प्रोफेसर राजेंद्र मीना , प्रोफेसर अजय तंवर , प्रोफेसर ज्योति यादव, प्रोफेसर रेणुका, प्रोफेसर पूनम गोस्वामी, स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
मिडिया को यह सारी जानकारी स्थानीय प्राचार्य के निर्देशन मे प्रोफेसर भागीरथ मीना के द्वारा दी गई है।