पाले तथा शीतलहर से फसलों को बचाने के लिए सुझाव

Jan 4, 2024 - 17:06
Jan 4, 2024 - 17:07
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पाले तथा शीतलहर से फसलों को बचाने के लिए सुझाव

किसान भाई  फसलों को पाले से बचाव के लिए हल्की सिंचाई करें ...जनक राज मीणा उपनिदेशक उद्यान भरतपुर 

भरतपुर संभाग वर्तमान में शीतलहर की चपेट में चल रहा है और सूर्यदेव के दर्शन भी दुर्लभ ही हो गये हैं। ये स्थिति मानव जगत के साथ साथ फसलों के लिए भी नुकसानदायक है, विशेष रूप से सब्जी वाली फसलों के लिए। वर्तमान में पाला पड़ने की प्रबल संभावना है। इसलिए किसान भाई अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए कुछ सावधानियां बरतें तो फसलों को पाले के प्रकोप से बचाया जा सकता है।

उप निदेशक उद्यान भरतपुर जनक राज मीणा ने बताया कि पाले से बचाव के लिए फसलों में, किसान भाई हल्की सिंचाई करें, सब्जी जैसी उद्यानिकी फसलों में लो टनल का उपयोग करें या खेत की उत्तर -- पश्चिम दिशा में वायु रोधी टांटिया (घास-- फूंस के अवरोधक) लगाएं। इसके अलावा किसान भाई फसलों पर घुलनशील गंधक की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। किसान भाई उपरोक्त के अलावा फसलों पर थायो यूरिया का आधा ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें तो फसलों को पाले से बचाया जा सकता है।

यदि खड़ी फसल में पाले से नुकसान दिखाई देता है तो किसान भाई तुरंत ही खड़ी हुई फसल में 25--30 ग्राम ग्लूकोज 15 लीटर पानी में घोल बनाकर कर प्रभावित फसल पर छिड़काव करें।

इसके अलावा रासायनिक उर्वरक एनपीके का 18--18--18 अथवा 19--19--19 अथवा 20--20--20- फार्मूला 100 ग्राम प्रति टंकी में 25 ग्राम एग्रोमीन (सूक्ष्म पोषक तत्व) के साथ घोलकर प्रभावित फसल में छिड़काव करने से पाले से हुए नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।

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