खेरली में योग शिविर एवं योग कथा पतंजलि योग पीठ हरिद्वार की योगाचार्या जाहन्वी दीक्षित करा रहीं हैं योग
लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) निकटतम खेरली कस्बे मेंश्री गोविन्द देव परोपकारी ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित छः दिवसीय योग शिविर एवं योग कथा में योगाचार्या ने कहा कि योग एक जीवन दर्शन है , योग आत्मानुशासन है, योग एक जीवन पद्धति है, योग व्याधि मुक्त व समाधि युक्त जीवन की संकल्पना है । योग आत्मोपचार एवं आत्मदर्शन की श्रेष्ठ आध्यात्मिक विद्या है । योग व्यक्तित्व को वामन से विराट बनाने की या समग्र रूप से स्वयं को रूपान्तरित एवं विकसित करने की आध्यात्मिक विद्या है । योग मात्र एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति नहीं है , अपितु योग का प्रयोग परिणामों पर आधारित एक ऐसा प्रमाण है , जो व्याधि को निर्मूल करता है अतः यह एक ऐसा सम्पूर्ण चिकित्सा शास्त्र है, जो केवल शारीरिक रोगो का ही नहीं , बल्कि मानसिक रोगों का भी निवारण करता है । अशोक पतंजलि ने बताया कि
योग एलोपैथी की तरह कोई लाक्षणिक चिकित्सा नहीं , अपितु यह रोगों के मूल कारण को दूर कर हमें भीतर से स्वस्थता प्रदान करता है योग को मात्र एक व्यायाम की तरह देखना या वर्ग विशेष की पूजा पाठ की एक पद्धति की तरह देखना संकीर्णतापूर्ण, अविवेकी दृष्टि कोण है । स्वार्थ, आग्रह , अज्ञान एवं अहंकार से ऊपर उठकर योग को हमें एक सम्पूर्ण विज्ञान के रूप में देखना चाहिए ।
योग की पौराणिक मान्यता है कि इससे अष्ट चक्र जाग्रत होते हैं एवं प्राणायाम के निरन्तर अभ्यास से जन्म -जन्मान्तर के संचित अशुभ संस्कार व पाप परिक्षीण होते हैं ।
इस अवसर पर सेवा निवृत्त न्यायायिक अधिकारी नन्द लाल शर्मा (नाटौज ) , नगरपालिका अध्यक्ष खेरली संजय गीजगडिया सेवा निवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी रामस्वरूप गुप्ता एवं प्रधानाध्यापक सुमेर चंद जैन अमर चंद शर्मा सहित योग प्रशिक्षक रूप नारायण सैन योग विस्तारक डॉ डिम्पल योग प्रचारक केदार नाथ. दुष्यंत कुमार , डार्विन , सपना पीयूषी गुडिया प्रवीना अलका जैन टीना छवि गायत्री स्नेहा दीपा संतोष मीना सीमा वेदमती सोरभ आदि मोजूद रहे।
कमलेश जैन