भीलवाड़ा के गांधी सागर तालाब में गंदे पानी की समस्या के समाधान के लिए उठाए जा रहे पुख्ता कदम, नये नाले निर्माण के लिए अक्टूबर तक बन जाएगी डीपीआर -नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री
जयपुर, 18 जुलाई। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने गुरुवार को राज्य विधान सभा में बताया कि भीलवाड़ा शहर के मध्य स्थित गांधी सागर तालाब में गंदे पानी की समस्या के समाधान के लिए पुख्ता कदम उठाए जा रहे हैं। पुरानी क्षतिग्रस्त लाइन के विकल्प के रूप में नये नाले के निर्माण के लिए डीपीआर का कार्य आदेश जारी कर दिया गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए आगामी अक्टूबर माह तक डीपीआर तैयार कर ली जाएगी।
खर्रा शून्यकाल के दौरान भीलवाड़ा विधायक अशोक कुमार कोठारी द्वारा ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से इस संबंध में उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गांधी सागर तालाब में एक बड़ा और छह छोटे बरसाती नाले गिरते हैं, जिनके साथ घरेलू गंदा पानी भी शामिल होता है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद भीलवाड़ा द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर इन सभी नालों पर लोहे की जालियां लगाकर गिरने वाले कचरे को रोका गया है एवं उनकी नियमित सफाई की जाती है। दो साल पहले इस तालाब की सफाई के लिए एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन मंगवाकर सफाई भी करवाई गई। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ माह पूर्व ही शत-प्रतिशत घरेलू सीवर कनेक्शन हो गये हैं, जिससे तालाब में गंदे पानी की आवक काफी कम हो गई है।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री ने बताया कि गांधी सागर तालाब को प्रदूषित होने से बचाने के लिए गंदे पानी की निकासी हेतु तालाब के इनलेट के पास SLUICE GATE लगाया गया है। इस व्यवस्था से बरसाती पानी गांधी सागर तालाब में जाता है और गंदा पानी पाइप लाइन के जरिये पृथक कर दिया जाता है।