सत्य वचन और सत्य धर्म में जमीन आसमान का अंतर: स्वस्ति भूषण माताजी
जहाजपुर (आज़ाद नेब) स्वस्ति धाम में गणिनी आर्यिका 105 श्री स्वस्ति भूषण माताजी के सानिध्य में श्रावक संस्कार साधना शिविर एवं दशलक्षण महापर्व मनाया गया। दशलक्षण महापर्व के पांचवे दिन सत्य धर्म की आराधना की गई।
मीडिया प्रभारी नवीन जैन नेमीचंद जैन ने बताया कि सुबह 6:30 अभिषेक शांति धारा का कार्यक्रम हुआ स्वस्ति भूषण माताजी ने अपने प्रवचन में बताया कि सत्य वचन और सत्य धर्म में जमीन आसमान का अंतर है सत्य वचन बहुत स्थूल और सत्य धर्म आत्मा से में संपूर्ण में उतर जाता है सत्य वचन के द्वारा सत्य को कुछ अंश ही प्रकट हो पता है यदि सत्य वचन को सत्य धर्म मान लेवे तो मौन रहने वाले के पास सत्य धर्म नहीं होगा। सत्य धर्म में भगवान ने विस्तार से कहा है कि सत्य क्रोध से रहित होता है लाभ भय हास्य से रहित होता है अर्थात क्रोध लोभ भय हास्य के साथ वचन सत्य नहीं होता है। प्रवचन के बाद बाहर से आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत तीर्थ कमेटी के पदाधिकारी किया गया। दिन में 2:30 से 5:00 तक तत्वार्थ सूत्र की कक्षाएं लगी व सांयकाल में महा आरती का आयोजन रखा गया वह रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए जिसमें महिला पुरुष एवं बच्चे भाग ले रहे हैं वही चंवलेश्वर नवयुवक मंडल द्वारा सेवा प्रदान की गई।