दशलक्षण महापर्व: उत्तम संयम धर्म की व सुगंध दशमी पर्व धूमधाम से मनाया
जहाजपुर (आज़ाद नेब) स्थित स्वस्ति धाम में गणिनी आर्यिका 105 श्री स्वस्ति भूषण माताजी के सानिध्य में छठे दिन उत्तम संयम धर्म एवं सुगंध दशमी पर्व की आराधना की गई।
मीडिया प्रभारी नवीन जैन नेमीचंद जैन ने बताया कि श्रावक संस्कार साधना शिविर एवं दशलक्षण महापर्व मनाया जा रहे हैं आज छठे दिन उत्तम संयम धर्म एवं सुगंध दशमी पर्व की आराधना की गई। जिसमें सुबह अभिषेक शांति धारा का कार्यक्रम हुआ। सामूहिक रूप से सांयकाल में महा आरती हुई ओर रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए जिसमें महिला पुरुष एवं बच्चे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
साधना शिविर में स्वस्ति भूषण माताजी ने अपने प्रवचनों में गाड़ी में ब्रेक, हाथी पर अंकुश ओर घोड़े को लगाम की जितनी जरूरत होती है उतनी इंसान को संयम की है। ब्रेक के बिना गाड़ी बेकार है अंकुश के बिना हाथी किसी काम का नहीं है लगाम रहित धोड़ा मंजिल तक नहीं पहुंचेगा। इसी तरह संयम रहित जीवन इंसान को नरक नियच गति के खड़े मे पटक देगा। मनुष्य अनेक विपत्तियों में फंसकर अनेक दुख प्राप्त करता है भौतिक वस्तुओं ने इंसान को गुलाम बना लिया है मोबाइल टीवी के बिना जीवन की कल्पना नहीं करता है और यह छोटा सा मोबाइल इंसान के जीवन के दिशा बदल देता है।