किसान उर्वरक के परिगमन, कालाबाजारी, अवैध भण्डारण, अधिक दर की कर सकेंगे शिकायत
उर्वरक विक्रय की शिकायतों के सम्बंध में नियंत्रण कक्ष स्थापित
भरतपुर, 30 सितम्बर। रबी 2024-25 में डीएपी, एसएसपी व अन्य उर्वरकों को दूसरे राज्य में परिगमन, कालाबाजारी, अवैध भण्डारण, अधिक दर पर उर्वरक विक्रय की शिकायतों आदि के निस्तारण के लिए कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद में कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है। संयुक्त निदेशक कृषि आरसी महावर ने बताया कि कन्ट्रोल रूम नम्बर 8000907075 पर किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। उन्होंने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर निगरानी हेतु प्रभारी अधिकारी लगाये गये हैं एवं चिकसाना, ऊँचा नगला, रूपवास, खानवा तथा बंधबारैठा पर चैक पोस्ट की स्थापना की गई है।
संयुक्त निदेशक कृषि ने बताया कि जिले में सरसों की बुवाई का कार्य शुरू होने वाला है, सरसों की बुबाई पूरे अक्टूबर माह में की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बुवाई सबसे उपयुक्त समय 10 से 25 अक्टूबर है। सरसों की बुबाई के समय आम तौर पर किसान डीएपी खाद का प्रयोग अधिक करते है, जिसका भूमि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि सरसों की अच्छी पैदावार के लिए गंधक तत्व की आवश्यकता होती है, जो दाने में तेल की मात्रा बढ़ाने के साथ दाने में चमक लाती है। डीएपी से सिर्फ 46 प्रतिशत फास्फोरस एवं 18 प्रतिशत नाइट्रोजन तत्व मिलता है इसमें गंधक तत्व नहीं होता है।
संयुक्त निदेशक कृषि ने बताया कि सरसों फसल के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने अनुसंधान में पाया गया है कि सिंगल सुपर फास्फेट खाद के प्रयोग से, इसकी पैदावार तथा तेल की मात्रा दोनो बढती है। सिंगल सुपर फास्फेट में 16 प्रतिशत फास्फोरस तत्व के साथ 11 प्रतिशत गंधक तत्व मिलता है। सिंगल सुपर फास्फेट का फास्फोरस पानी घुलनशील है जो पौधों को तुरन्त उपलब्ध हो जाता है जबकि डी.ए.पी. का फास्फोरस साइट्रेट अमल में घुलनशील होता है जो भूमि में अघुलनशील हो जाता है और पूरी मात्रा में पौधों को नहीं मिल पाता जिससे जमीन खराब हो जाती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि डीएपी के स्थान पर एसएसपी के 3 बैग व यूरिया के 1 बैग प्रति हैक्टेयर में प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि इस समय जिले में पर्याप्त मात्रा में सिंगल सुपर फास्फेट खाद उपलब्ध है।
- कौशलेन्द्र दत्तात्रेय