एसपी की रेकी कराने की किसने रची साजिश:राज्य का पहला मामला,किसके कहने पर सर्विस प्रोवाइडर ने लोकेशन ट्रेस की ?
मुण्डावर (देवराज मीणा)
राजस्थान पुलिस के लिए आज का दिन बेहद चिंताजनक और सबक लेने वाला साबित हुआ है। प्रदेश में पहली बार किसी जिले के टाइगर यानी एसपी की ही उसके अधीनस्थ पुलिस कर्मियों ने जासूसी कर डाली।यह चौंकाने वाला घटनाक्रम औद्योगिक नगरी भिवाड़ी में हुआ है। यहां पर पदासीन एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी के पर्सनल फोन की लोकेशन ट्रेंस चोरी छुपे अधीनस्थ पुलिसकर्मी ही कर रहे थे।एसपी कहां जा रही है, क्या कर रही है और किससे मिल रही है। इस पर एक एसआई और कुछ पुलिसकर्मी पूरी नजर रख रहे थे।मामला सही पाए जाने पर एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी ने उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद साइबर सेल के इंचार्ज एसआई सहित एक हैड कांस्टेबल और पांच कांस्टेबलों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय से भी इस पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है।
रेकी के पीछे किसकी ताकत
भिवाड़ी एसपी की लोकेशन ट्रेस का मामला बेहद गंभीर तब हो जाता है जब उनके अधीनस्थ ही चोरी छिपे यह काम करते हैं। पुलिस महकमे में जिला स्तर पर एसपी सबसे बड़ी पोस्ट होती है। उसके आदेश और निर्देश पर ही कानून व्यवस्था बनती और बिगड़ती है। ऐसे में निचले स्तर के कार्मिक ऐसी हरकत करने की सोच भी है नहीं सकते। अब बड़ा सवाल खड़ा होता है कि एसपी को कमजोर करने या अन्य किसी साजिश के तहत कौन और किस मकसद से एसपी ज्येष्ठा की लोकेशन और निगरानी करवा रहा है।बिना किसी अधिकृत मेल या आदेश पर किसके कहने पर सर्विस प्रोवाइडर ने लोकेशन ट्रेस की ? राठौड़ी में ऐसी हिमाकत करने वाले पुलिस के अफसर हैं या पर्दे के पीछे का राजनीतिज्ञ,यह एक बड़ा सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है। बिना संरक्षण के एसआई या कांस्टेबल इस तरह का बड़ा खेल करने की हिम्मत नहीं जुटा सकते।
एक्सपर्ट राय,नजीर वाली कार्रवाई की जरूरत
राजस्थान में पहली बार हुए इस तरह के घटनाक्रम को लेकर पुलिस महकमे में खासी चर्चा बनी हुई है।पुलिस विभाग के एडीजी स्तर से सेवानिवृत हुए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। सरकार और डीजी को इस मामले में कड़े एक्शन लेने की जरूरत है। प्रदेश के सभी जिलों में एसपी और पुलिस का बेड़ा है। ऐसे में पहली बार मामला सामने आया है। सख्ती से ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए जिससे कि प्रदेश में नजीर बने। ऐसे पुलिस कर्मियों को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट कर देना चाहिए। जिन्होंने बिना किसी कारण अपने उच्च अफसर की निजता में खलल डालने का प्रयास किया है।इस साजिश के पीछे कोई अफसर या जनप्रतिनिधि भी हो तो उसके खिलाफ सरकार को एक्शन लेना चाहिए।
जांच करवाएँगे गृह राज्य मंत्री
भिवाड़ी के इस घटनाक्रम को लेकर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेहम अंजान बने रहे। उनका कहना था कि मामले की जानकारी नहीं है। इसकी जांच करवाई जाएगी।