कुछ समय पहले संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक सीट को जीतकर भारतीय जनता पार्टी के प्रवीण खंडेलवाल सांसद हो गए हैं। इस चुनाव में उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता जय प्रकाश अग्रवाल को हराया है। चांदनी चौक सीट विजय गोयल, कपिल सिब्बल से होते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन तक की पहचान रही है, पर इस चुनाव में भाजपा ने हर्षवर्धन के बदले प्रवीण खंडेलवाल पर भरोसा किया। खंडेलवाल चुनाव जीत गए। पार्टी ने हर्षवर्धन का टिकट काटकर दिल्ली की चर्चित चांदनी चौक लोकसभा सीट से प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा था। प्रवीण खंडेलवाल को इस चुनाव में 5 लाख 16 हजार 496 वोट मिले।
इस तरह प्रवीण खंडेलवाल 18वीं लोकसभा के लिए करीब 90 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीत कर संसद पहुंच रहे हैं। चांदनी चौक लोकसभा सीट कई पार्टियों के दिग्गजों का गढ़ रही है। इस सीट से 1998 और 1999 में लगातार दो बार भारतीय जनता पार्टी के विजय गोयल की जीत हुई। वहीं 2004 और 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कपिल सिब्बल जीते। 2014 के चुनाव में, नरेंद्र मोदी के उभार के समय इस सीट से डॉक्टर हर्षवर्धन ने चुनाव लड़ा और वह जीत गए। पार्टी ने पिछले चुनाव में भी उनको टिकट दिया और उन्होंने जीत का सिलसिला बरकरार रखा। इस चुनाव में उनका टिकट कट गया और खंडेलवाल को मौका मिला।
प्रवीण खंडेलवाल का राजनीतिक सफर
सांसद प्रवीण खंडेलवाल का एक परिचय दिल्ली के चर्चित बिजनेसमैन के तौर पर है। वह दिल्ली के व्यापारियों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं। खंडेलवाल कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी CAIT के महासचिव हैं। CAIT को देश के व्यापारियों और एसएमई क्षेत्र का सबसे बड़ा निकाय माना जाता है। अगर उनकी राजनीतिक यात्रा पर गौर करें तो हम पाते हैं कि 2017 में खंडेलवाल को सरकार की जीएसटी पैनल के लिए नॉमिनेट किया गया था।
इसके अलावा जुलाई 2021 में खंडेलवाल को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स यानी ONDC का सदस्य बनाया गया। साल 1960 में जन्मे खंडेलवाल की की औपचारिक शिक्षा-दीक्षा दिल्ली ही में हुई है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की और फिर वह बाद में वह बिजनेस में आ गए। खंडेलवाल ने कई व्यवसायिक संस्थाओं का गठन किया और चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए देशभर अभियान भी चलाया।