सेवानिवृत्ति समारोह में पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर दिया पर्यावरण बचाने का अनूठा संदेश
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
धोरीमन्ना:- पर्यावरण संरक्षण का संदेश भारत ही नहीं विश्व स्तर तक दे चुकी कोशिश पर्यावरण सेवक टीम अब गांव-गांव व घर-घर तक पहूंच कर लोगों को पर्यावरण व उत्तम जीवन शैली के प्रति प्रेरित कर रही है।टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि टीम पर्यावरण संरक्षण व मानव कल्याण का संदेश देने के लिए रविवार को सेङवा के सांवा में अध्यापक से सेवानिवृत्त हुए केसरीमल खिचङ के घर आयोजित समारोह में नशामुक्ति,सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्ति व जूठन मुक्ति का संदेश लेकर पहूंची और सर्वप्रथम समारोह स्थल पर पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर समारोह को पर्यावरणमय बनाया और भोजनशाला में भोजन को जूठा न छोङे इसके लिए भोजनशाला को जूठन मुक्ति संदेशों से सुसज्जित किया जिसमें अन्न के महत्व से हर मेहमान को रूबरू कराया ताकि कोई भी भोजन को थाली में जूठा न छोङे इसके अलावा प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित करने हेतु लोगों को तांबे व पीतल के लोटों से जलपान कराकर प्लास्टिक कप-गिलास व बोतलों की जगह धातु व मिट्टी के बर्तन काम लेने हेतु प्रेरित किया ताकि हमारी जीवन शैली सुखमय रहे और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।यह पर्यावरण उस समारोह में निस्वार्थ भाव से जन जागरुकता अभियान चलाने के जाती है जिस समारोह में नशे की सामूहिक मनुहार नहीं होती है और सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलें इस्तेमाल नहीं की जाती है वहां इस टीम के सदस्य यानि पर्यावरण सेवक निःशुल्क पूरे दिन मेहमानों को तांबे के लोटों से जलपान कराते हैं और पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और पॉलिथीन की जगह कपङे की थैली काम लेने व पेङ लगाने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाता है।इस दौरान पर्यावरण सेवक जगदीश प्रसाद विश्नोई,गंगाराम खिचङ,गुमानाराम साऊ,नेत्रहीन सेवक जगदीश मांजू सोनङी,जितेन्द्र खिचङ,लुम्बाराम जाट,मोती चौधरी, खेताराम प्रजापत, मोहनलाल कालिराणा सहित कई पर्यावरण सेवकों ने निस्वार्थ भाव से सेवा देकर पर्यावरण संरक्षण व मानव कल्याण का संदेश दिया।