सरसों की कटाई जोरों पर बाजार हुए सूने

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन )बढ़ते तापमान के साथ ही किसान की नकदी फसल के नाम से मशहूर सरसों पक कर तैयार है। किसानों ने युद्धस्तर पर कटाई आरंभ कर दी है। एवं अनाज मंडी में लाना शुरू कर दिया है।
खेतों में पीला सोना कहलाने वाले गेहूं की अगेती फसल की कटाई भी अगले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। कटाई का सीजन शुरू होते ही बाजारों की चहल-पहल कम हो रही है। ग्राहकों का आवागमन नहीं होने से सूने पड़े हुए हैं। नहरी पानी की कमी व भूमिगत बोर से सिंचित बाहुल्य उपखंड क्षेत्र की भूमि में सबसे अधिक सरसों की बिजाई की जाती है। इस फसल में कम पानी व कम खाद से भी अच्छा उत्पादन पाया जाता है। सर्दी के मौसम के आरभ में बिजाई होने वाली सरसों की फसल मार्च माह में पक कर पूरी तरह तैयार हो चुकी है ।और ग्रामीण क्षेत्र में इसकी तेजी से कटाई आरभ हो गई है कुछ किसान परिवार स्वयं कटाई में जुट गए हैं तो कुछ मशीनों से या मजदूरी से यह कार्य करवा रहे हैं। दोपहर की गर्मी से बचने के लिए किसानों के जत्थे सुबह ही काम पर जुट जाते है वहीं कई बड़े किसान श्रमिकों की मदद से अपनी फसलों को जल्दी-जल्दी काट कर खलिहानों में एकत्रित कर रहे है। मनीराम, गंगा लहरी मांगीलाल इत्यादि किसानों ने बताया कि क्षेत्र के दर्जनभर गावों में तो ओलावृष्टि के कारण सरसों व गेंहू की फसलों को सर्वाधिक नुकसान देखने को मिल रहा है। पहले सर्दी व बाद में मार्च में लगातार गर्माहट व तेज धूप से फसलें जल्दी पकती नजर आ रही है। जिसके चलते किसान पहले सरसों व फिर गेंहू की फसल काट कर उसकी सुरक्षा में लगा हुआ है।
तहसीलदार ममता कुमारी ने कहा कि क्षेत्र में रबी सीजन की फसलों की कटाई जोरों पर है। किसानों को फसल काट कर एकत्रित करते समय अनाज के खलिहान को बिजली आपूर्ति लाईनों से दूर बनाए ताकि बिजली लाईनों में उत्पन्न होने वाली चिंगारी से फसलों को नुकसान न हो। इसके अलावा कोई भी किसान खेत में आग न जलाए क्योंकि मामूली लापरवाही से बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।






