ग्रामीण उद्यामिता कृषि विकास योजना के तहत अचार उद्योगों का कराया भ्रमण

भरतपुर, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) ग्रामीण उद्यामिता कृषि विकास योजना के तहत विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु कृषि महाविद्यालय भुसावर के विद्यार्थियों को भुसावर के प्रसिद्ध अचार उद्योगों का भ्रमण कराया गया।
महाविद्यालय के डीन डॉ. उदय भान सिंह ने बताया कि भुसावर सम्पूर्ण भारत में अचार उद्योग एवं गुणवत्तापूर्ण अचार के लिए जाना जाता है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में आगरा पेठे के लिए प्रसिद्ध है, वैसे ही भुसावर अचार के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भुसावर के अचार को जीआई टैग मिलना चाहिए जिससे भुसावर के अचार को और अधिक पहचान मिल सकेगी, अचार ज्यादा कीमत पर बिकना शुरू होगा। उन्होंने कहा कि जीआई टैग मिलने से भुसावर को अचार उद्योग के विकास को गति मिलेगी। स्थानीय स्तर पर पैसे की आवक बढने से भुसावर का विकास होगा तथा रोजगार के अवसर बढेगें।
उन्होंने बताया कि भुसावर क्षेत्र मे आम, नीबू, लिसोडा आदि का उत्पादन होने से अचार के लिए कच्चे माल की आपूर्ति स्थानीय स्तर पर हो जाती है इसलिए भुसावर के अचार उद्योग को बढावा देने की आवश्यकता है, स्थानीय व्यापारी एवं किसान दोनों को अधिक मात्रा में लाभ प्राप्त हो सकेगा। विद्याथियों के भ्रमण में भानुप्रिया पंकज, राहुल मीणा, गीता गवारिया व प्रेम कुमारी वर्मा शामिल रहे। भानुप्रिया पंकज ने बताया कि भुसावर के अचार निर्माता अचार बनाने की आधुनिक तकनीक का प्रयोग नहीं कर रहे है। अचार बनाने का ज्यादातर काम श्रमिकों द्वारा किया जाता है, जो कि मंहगा पड़ता है। भुसावर मंे अचार के अलावा आंवले का मुरब्बा, कैण्डी, चटनी, जैम आदि भी छोटे स्तर पर बनाये जाते हैं।






