सेल्फी विथ ग्रीनरी में विजेता रहे योगेश दाधीच: घर की छत को बनाया हरा-भरा बगीचा, वेस्ट से बेस्ट की मिसाल बना परिवार

भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
भीलवाड़ा. जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू द्वारा मिशन लाइफ के तहत शुरू की गई "घर में हरियाली की सेल्फी" प्रतियोगिता में 35 से अधिक प्रतिभागियों में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर शिक्षाविद योगेश दाधीच विजेता रहे। इस प्रतियोगिता की नोडल एजेंसी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल रही।
मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित समारोह में कलेक्टर संधू ने विजेता योगेश दाधीच को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने दाधीच परिवार के प्रयास को समाज के लिए अनुकरणीय और प्रेरणादायक बताया।
8 गमलों से शुरू होकर 200 पौधों तक पहुँचा सफर
योगेश दाधीच और उनकी पत्नी पूजा दाधीच (गोल्ड मेडलिस्ट, एमए भूगोल) ने कोविड लॉकडाउन के दौरान हरियाली बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने बेटे युगीन को स्वच्छ हवा और ऑक्सीजन का महत्त्व समझाते हुए घर की छत को गार्डन में बदलने का निर्णय लिया। केवल 8 गमलों से शुरू हुआ यह अभियान आज 200 से अधिक पौधों के रूप में फल-फूल रहा है। भूगोल के व्याख्याता योगेश ने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पुर में भी सौ से अधिक गमले लगाए हैं।
वेस्ट से बेस्ट: पर्यावरण के प्रति समर्पण
परिवार ने बगीचे को सजाने में पर्यावरण अनुकूल नवाचारों का प्रयोग किया । पुराने टायरों से गमले, कुर्सियाँ और स्टूल बनाए,
प्लास्टिक के डिब्बों और सेनेटरी पाइपों को गमलों में बदला, बेलों के लिए बाँस लगाए। यह न केवल सौंदर्यबोध बढ़ाता है, बल्कि वेस्ट मटेरियल के पुनः उपयोग का भी अनूठा उदाहरण है।
जैविक सब्जियाँ और आत्मनिर्भरता
मानसून में यह परिवार बगीचे में जैविक सब्जियाँ उगाता है। इससे शुद्धता के साथ-साथ आत्मनिर्भरता का भाव भी विकसित होता है।
प्रकृति की नियमित सेवा
हर दिन योगेश, पूजा और युगीन मिलकर डेढ़ घंटे पौधों को पानी देते हैं और एक घंटा सफाई में लगाते हैं। यह सेवा उनके लिए मानसिक शांति और ताजगी का स्रोत बन गई है।
सम्मान बना प्रेरणा
योगेश दाधीच ने पर्यावरण जागरूकता की एक नई मिसाल पेश की है। योगेश का कहना है: - "अगर हर कोई अपने आसपास हरियाली बढ़ाने का संकल्प ले, तो हम न केवल अपने घरों को, बल्कि पूरी धरती को स्वच्छ और सुंदर बना सकते हैं। पर्यावरणप्रेमी नर्सिंग ऑफिसर घनश्याम शर्मा से उन्हें प्रेरणा मिलती है, जिन्होंने उपरेड़ा स्वास्थ्य केंद्र पर 1300 से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण प्रेम का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है"






