राजनीति की भेंट चढ़ी जहाजपुर की मॉडल स्कूल: 41% रहा परिणाम, 31 में से सिर्फ 12 विद्यार्थी हुए पास

जहाजपुर (मोहम्मद आज़ाद नेब) — एक समय शिक्षा की मिसाल मानी जाने वाली राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय (मॉडल स्कूल) आज अव्यवस्थाओं, राजनीति और आंतरिक कलह की शिकार हो चुकी है। हाल ही में घोषित 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में स्कूल ने निराशाजनक प्रदर्शन किया — 31 में से केवल 12 छात्र ही उत्तीर्ण हो सके। इस प्रकार कुल परिणाम महज 41 प्रतिशत रहा।
प्रिंसिपल और टीचर्स की खींचतान बनी बाधा
सूत्रों के अनुसार, स्कूल में शैक्षणिक वातावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है प्रिंसिपल और शिक्षकों के बीच लंबे समय से चल रही आपसी खींचतान ने। स्कूल के भीतर गुटबाजी और मतभेदों का सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ा।
राजनीति का अड्डा बनी मॉडल स्कूल
पिछले एक वर्ष से यह स्कूल शिक्षा से अधिक राजनीतिक उठा-पटक के लिए चर्चा में रही है। तबादलों, नियुक्तियों और आंतरिक विवादों ने स्कूल की मूल पहचान को पूरी तरह बदल दिया।
अधिकारियों की बेरुखी
सबसे हैरानी की बात यह है कि स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इन समस्याओं की ओर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे हालात और बिगड़ते चले गए।
टीसी कटवाकर छोड़ दी पढ़ाई
स्थिति इतनी बदतर हो गई कि कई विद्यार्थियों ने बीच में ही ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) कटवाकर स्कूल छोड़ दिया। कुछ ने निजी स्कूलों का रुख किया, तो कुछ ने शिक्षा ही छोड़ दी।
अभिभावकों का आक्रोश
बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद अभिभावकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। वे मांग कर रहे हैं कि स्कूल में जल्द से जल्द जिम्मेदार शिक्षकों की तैनाती के साथ उचित निगरानी व्यवस्था लागू की जाए। जहाजपुर की मॉडल स्कूल का यह गिरता स्तर न केवल एक स्कूल की बात है, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है। यदि समय रहते इन समस्याओं को नहीं सुलझाया गया, तो यह पूरे क्षेत्र की पीढ़ियों को प्रभावित कर सकता है।






