25 मई से धरती पर सूरज उगलेगा आग

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) अभी नौतपा में 9 दिन शेष है तापमान बढ़ने से लोग हाल बेहाल हो रहे हैं। नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो रही है। पंचांग के अनुसार, 25 मई को रात 3:15 बजे सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद पूरे नो दिन तक सूरज का भयंकर रूप देखने को मिलेगा। नौतपा की समाप्ति 2 जून को होगी। हालांकि, सूर्य देव 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में ही रहेंगे लेकिन नौतपा के शुरुआती नो दिन सबसे ज्यादा असर डालते हैं। सूर्य देव 8 जून के बाद सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे।
नौतपा में क्या करें और क्या न करें...
नौतपा का समय गर्मी और सूर्य की प्रचंड तपिश के लिए जाना जाता है। नौतपा का मतलब नो दिनों तक तपा देने वाली गर्मी। नौतपा हर साल मई महीने के आखिर में आता है और इन 9 दिनों में सूरज पृथ्वी के सबसे करीब आ जाता है। इसी वजह से धरती पर तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। नौतपा के इन दिनो मे सूर्य का प्रचंड रूप देखने के लिए मिलता है।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार के अनुसार, जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो धरती का तापमान अचानक बढ़ जाता है।
नौतपा में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए
सूरज को जल चढ़ाएं – नौतपा के दौरान रोजाना सुबह में सूरज को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है।नौतपा में सूर्य को जल चढ़ाने से मन को शांति मिलती है।
धार्मिक पाठ करें – नौतपा के इन दिनों आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
घर से बाहर न निकलें – नौतपा के समय में तपती दोपहर में घर से बाहर निकलना सेहत पर असर डाल सकता है, इसलिए बिना जरूरत के नौतपा में घर से बाहर नहीं निकलें।
जरूर करें दान – नौतपा के समय कोई जरूरतमंद आपकी दहलीज पर कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। नौतपा में पानी, फल या छाछ आदि का दान विशेष फल देता है।
मांगलिक कार्य न करें – नौतपा के दौरान शादी या गृह प्रवेश जैसे बड़े काम न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस समय ऊर्जा असंतुलित हो जाती है।






