सात फेरों एवं विधि विधान और परम्परागत तरीके से सम्पन्न हुआ तुलसी विवाह
सांगानेर चारभुजा नाथ माली समाज मन्दिर से भीलवाड़ा आई बारात।
गुरला (भीलवाडा, राजस्थान( भीलवाड़ा पथिक नगर में गाजेबाजे के साथ सात फेरों के बाद ठाकुरजी ने माता तुलसी संग रचाया विवाह। जिसका पथिक नगर निवासी देवी लाल माली ने बुधवार को तुलसी विवाह का आयोजन करवाया। प्रकृति व धर्म से जुड़े इस विवाह समारोह के दौरान आस्था का प्रतीक तुलसी विवाह में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लियापथिक नगर निवासी देवी लाल माली (रागसीया )ने तुलसी विवाह की तैयारी चार पांच दिन पहले से ही शुरू कर दी थी। साथ ही भगवान का सुंदर श्रृंगार कर उन्हें आकर्षक परिधान पहनाए गए।
तुलसी विवाह का आयोजन आम विवाह की भांति देवी लाल माली ( रागसिया) के घर पर ही किया गया। मोहल्ले की महिलाएं बैंड बाजे के साथ भगवान सालिगराम जी व ठाकुरजी के रथ के साथ नाचते-गाते पथिक नगर स्थित पहुंची। वहीं वधू पक्ष की महिलाओं ने भजन व गीत गाकर ठाकुर जी का स्वागत किया और विधि-विधान के साथ माता तुलसी और सालिगराम जी का विवाह संपन्न करवाया। वरमाला की रस्म के बाद हवन वेदी के चारों ओर तुलसी के पवित्र पौधे व सालिगराम जी को गोद में लेकर सात फेरे कराए गए। इस दौरान हवन पूजन का भी आयोजन किया गया। महिलाओं ने तुलसी माता को उपहारों के साथ विदाई दी। भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया। परंपरागत विवाह के लिए तुलसी के पौधे को साड़ी व आभूषण पहना आकर्षक ढंग से सजाया गया। वहीं ठाकुर जी के साज-सज्जा में भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं देखी गई। बदलते दौर के साथ रीति रिवाजों में भी भव्यता की झलक साफ देखने को मिली। भगवान सालिगराम जी की बारात में मंगलवार को बैंड बाजो के साथ माली समाज की महिलाए, पुरुष और बच्चे नाचते हुए पैदल ही पथिक नगर स्थित देवी लाल माली के घर पहुंचे। सांगानेर चारभुजा मंदिर माली समाज के पुजारी जगदीश वैष्णव ने बताया कि तुलसी विवाह देवोत्थान 6 के दिन संपन्न हुआ था। ऐसे में यह दिन काफी शुभ हैं।