अलवर जिला कलेक्टर (सतर्कता) ने मनरेगा योजना के तहत श्रमिक को 33 दिन का बेरोजगारी भत्ता दिलाने के लिए दिए प्रभावी आदेश
कलेक्टर (सतर्कता) अलवर ने ये आदेश, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो , अति.पुलिस अधीक्षक, जयपुर व मुख्य मंत्री हेल्पलाइन आदेश क्रमांक 2020/1752-53 दिनांक 09-12-2020 की अनुपालना में प्रभावी आदेश दिए हैं
अलवर (राजस्थान/ महेश मीना) जिले की पंचायत समिति रैणी के गाँव-खोहरा चौहान , ग्राम पंचायत-बैरेर, रैणी, अलवर, राजस्थान से मनरेगा योजना के तहत श्रमिक हेमलता देवी ने 05 श्रमिकों के ग्रुप में दिनांक 20-7-2020 को ग्राम पंचायत-बैरेर, रोजगार सहायक व ग्राम विकास अधिकारी को मनरेगा में कार्य करने के लिए आवेदन प्रपत्र-6 भरकर दिया था लेकिन सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सहायक के द्वारा आवेदन प्रपत्र-6 की रीसिव्ड (प्राप्ति रसीद) नहीं दी गई इसलिए श्रमिक ने अपने फोन में ही आवेदन प्रपत्र-6 का फोटो अपने मोबाइल में सुरक्षित रख लिया था तो जब प्रार्थी (श्रमिक )को 07-8-2020 को मनरेगा योजना के तहत काम नहीं दिया गया तो श्रमिक ने इस सम्बन्ध में जानकारी चाही तो सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी ने तो इस और ध्यान ही नहीं दिया फिर रोजगार सहायक ने कई दिनों के बाद बताया कि आपका नाम मनरेगा में अगले मस्टररोल में आ जायेगा
फिर इसके बाद सम्बन्धित उच्चाधिकारियों खण्ड विकास अधिकारी रैणी से इस सम्बन्ध में जानकारी चाही तो अगले मस्टररोल में नाम तो आ गया 22-8-2020 को लेकिन जब श्रमिक कार्य करने के लिए कार्य स्थल पर जातीं तो सरपंच/ग्राम विकास अधिकारी के इसारे पर द्वेषता से प्रति दिन मेट प्रदीप कुमार जो कि वार्डपंच पति के द्वारा जानबूझकर गैर हाजिर कर दी जाती थी इस तरह से श्रमिक 4---5 दिन लगातार कार्य करने के लिए जाने के बाद भी गैर हाजिर कर दी जाती थी तो श्रमिक को मजबूर होकर मनरेगा योजना के तहत काम करना ही बन्द करना पड़ा क्योंकि यह श्रमिक की मजबूरी थी उल्लेखनीय है कि जब श्रमिक ने 20-7-2020 से 22-8-2020 तक का मनरेगा योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिलाने के लिए राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से निवेदन किया था तो सरपंच , ग्राम विकास अधिकारी , रोजगार सहायक , मेट के द्वारा आवेदन प्रपत्र-6 में 20 जुलाई 2020 की जगह 05अगस्त 2020 कर दिया है , प्रार्थी ने मजबूर होकर सम्बन्धित उच्चाधिकारियों को प्रार्थी द्वारा भरा गया आवेदन प्रपत्र-6 की फोटो प्रति भेजने की मांग की है लेकिन इस और बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है जबकि सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी रैणी को भी उनके फोन पर प्रार्थी ने अपना आवेदन प्रपत्र-6 की फोटो भी भेज दी है लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों आज तक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है
यह हाल है राजस्थान के अलवर जिले की पंचायत समिति रैणी की ग्राम पंचायत-बैरेर के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी का