शहीद की शहादत याद वादे भूली सरकार, शहीद जीतराम गुर्जर के परिवार को नही मिला कोई लाभ
पूर्व सांसद घोषित राशि देना भूले आज दो साल हो गए पूरे, परिवार देख रहा सरकारी मदद की राह
!!पुलवामा हमले में शहीद के आश्रित भाई को 2 साल बाद भी ना नौकरी, ना शहीद स्मारक के लिए जमीन!!
नगर (भरतपुर,राजस्थान/लवेश मित्तल) जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए देश का दिल दहला देने वाले आत्मघाती आतंकवादी हमले को आज दो साल पूरे हो गए ! जिसमे राजस्थान के भरतपुर जिले के नगर तहसील के गाँव सुंदरावली का वीर जवान जीतराम गुर्जर भी शहीद हो गया! शहीद के परिवार को अनेकों नेताओ व अफसरो ने परिवार को हर संभव मदद दिलाने का आश्वाशन दिया लेकिन किसी का कोई भी आज दो वर्ष बीतने के बाद की मदद नही मिली सरकारी तंत्र की वादाखिलाफी खोखली साबित हो रही है
वीर शहीद जवान जीतराम के वृद्ध पिता राधेश्याम ने बताया कि शहीद की अंत्येष्टि वाले दिनगृह रक्षा राज्यमंत्री, पूर्व सांसद, केन्द्रीय मंत्री, नदबई और नगर विधायक सहित अनेकों लोग शामिल हुए थे! दो वर्ष पूर्व अन्त्येष्टि पर सभी ने उन्हे पूरी मदद दिलाने का आश्वाशन दिया जीतराम जब शहीद हुआ तो मंत्री, अफसर और नेताओं ने भरोसा दिलाया था कि हम आपके साथ हैं। चिंता मत करना। जीतराम तो शहीद हो गया, हमें अपना बेटा ही समझना। हम आपका हमेशा ध्यान रखेंगे।
लेकिन कोई भी लौटकर नही आया ना ही कोई सहायता ना कोई! मेरे दूसरे बेटे को सरकारी नौकरी पाई , दो साल गुजर गए। लेकिन, इनमें से एक भी वायदा सच नहीं निकला। हालात जस के तस हैं। वहीं परिवार ने बताया कि सांसद बहादुर सिंह कोली ने स्मारक के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। यह राशि अभी तक नहीं मिली है ना शहीद स्मारक बनाने के लिए अभी तक जमीन मिली।
क्या क्या होती है शहीद के परिवारों को मिलने वाली सुविधाए
- सम्मानः शहीद के नाम पर कॉलेज,स्कूल, अस्पताल,पंचायत भवन, मार्ग, पार्क अथवा किसी अन्य सार्वजनिक स्थान का नामकरण।
- सुविधाएंः शहीद के परिवार के नाम दर्ज कृषि भूमि पर निशुल्क बिजली कनेक्शन, रोडवेज की ओर से पत्नि, उसके आश्रित बच्चे और माता,पिता को डीलक्स एवं साधारण बस में निःशुल्क सफर के लिए पास।
- शिक्षाः बच्चों को सरकारी स्कूल, कॉलेज, तकनीकी शिक्षा, मेडीकल, इंजिनियरिंग में निशुल्क शिक्षा, स्कूल जाने वाले बच्चों को सालाना 1800 और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को 3600 छात्रवृत्ति।
- सहारा: नहरी क्षेत्र में 50 लाख रूपए नगद या, 25 बीघा जमीन, बाकी जगह 25 लाख नगद अथवा जयपुर में हाउसिंग बोर्ड का एमजीआई मकान, शहीद की पत्नी, पुत्र व पुत्री को लेवल 10 तक के पद पर सरकारी नौकरी। अल्प बचत मासिक आय योजना में माता, पिता के नाम से 3 लाख की सावधि जमा।
क्यो नही मिली शहीद के परिवार को सरकारी मदद,आखिर इतनी देरी क्यों?






