भाजपा से बागी हुए आसपा प्रत्याशी सुखवंत सिंह ने किया दर्जन गांवों का दौरा
ग्राम यादव नगर, काला कोठी, कोटा दोहली, में सुखवंत सिंह का ग्रामीणों ने किया स्वागत घोड़ी पर बैठाकर महिलाओं ने डांस किया और जोश के साथ किया स्वागत
रामगढ़ (अलवर) राजस्थान विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा चुका है। ओर नामांकन वापिस होने की तारीख के बाद प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट हो गई और रामगढ़ विधान सभा में 16 प्रत्याशी मैदान में डटे हुए है। भाजपा से बागी होकर आसपा के प्रत्याशी सुखवंत सिंह ने शुक्रवार को तूफानी दौरा किया जिसमे दोहली, कोटा दोहली, यादव नगर, काला की कोठी, भाव सिद्ध मन्दिर सहित दर्जन गांवों का दौरा किया जिसमे ग्रामीणों ने भाजपा के बागी नेता सुखवंत सिंह को घोड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में डीजे बजा कर घुमाया। ग्रामीणों में स्वागत को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों का कहना था की ये दोनो प्रत्याशी बाहर से आकर रामगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ते है और मोदी ने भी लाल किले से भाषण में परिवार वाद और भ्रष्टाचार को खत्म करने का ऐलान किया था उसी कड़ी में हमने भी रामगढ़ विधानसभा में भी परिवार वाद और भ्रष्टाचार को खत्म करने के नाम पर मत डालना है।
अबकी बार भाजपा ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव के भतीजे को टिकिट दिया है और कांग्रेस ने साफिया खान की जगह उनके पति पूर्व विधायक एवम मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष को टिकिट दिया है। ऐसे में जनता के दिल में भारी रोष है। भाजपा ने 2018 के चुनाव में पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का टिकिट काट कर सुखवंत सिंह को दिया था। यह चुनाव बड़ा विकट परिस्थिति का रहा जिसमे मुख्य चुनाव में बसपा के प्रत्यासी की मृत्यु होने के बाद चुनाव स्थगित हो गया और सरकार कांग्रेस की बनने के बाद यह चुनाव हुआ। जिसमे सुखवंत सिंह की नजदीकी हार हुई और पूरे पांच साल जनता के बीच रहकर सुख दुख बांटा। जनता को विश्वास था की इस बार भाजपा का टिकिट सुखवंत सिंह को मिलेगा। लेकिन पार्टी ने पैराशूट प्रत्याशी को भाजपा का टिकिट दे दिया। जिससे जनता में नाराजगी हो गई और जनता ने सुखवंत सिंह को भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया और जनता ने बाहरी प्रत्याशी का नारा लगाकर इनका विरोध किया और चुनाव को रोचक बना दिया। अब देखना यह है की जनता किस के सर पर ताज बांधती है। आने वाली 25 तारीख को चुनाव होंगे जिसमे जनता अपने मत का प्रयोग करेगी।