कोई छोटा या बड़ा नही नारी शक्ति पर भी रखे विचार-स्वामी हरिद्रानंद
राजगढ़ (अलवर/ अनिल गुप्ता ) राजगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम थाना राजाजी में स्थित प्राचीन सेठजी की छतरी पर विशाल संत प्रवचन के छठे दिन स्वामी हरिंद्रानंद महाराज ने नारी शक्ति पर प्रवचन करते हुए बताया कि पति पत्नी दोनों एक गाड़ी के दो पहिए हैं दोनों समानांतर चलते हैं। तभी गाड़ी चल पाती है दोनों में से कोई छोटा बड़ा नहीं होता है। तथा दोनों को प्रेम से रहने की बात दोहराई। परिवार से लेकर राष्ट्र तक के निर्माण में नारी शक्ति का बड़ा महत्व है ।
स्वामी जी ने बताया कि इस जगत में पति-पत्नी को एक दूसरे को भवसागर से पार करने में सहायता करनी चाहिए। क्योंकि दोनों ही इस भूलोक पर अपनी आत्मा का कल्याण करने के लिए आए हैं। दोनों को एक साथ आध्यात्म की ओर चलना चाहिए कोई अच्छा सा सद्गुरु बनाना चाहिए और भवसागर से पार करने का तरीका जिसमे भजन कैसे करें और किसका करें इस विधि को सीखना चाहिए । स्वामी जी ने बताया कि पुरुषों की प्रकृति सूर्य प्रधान होती है और स्त्रियों की प्रकृति चंद्रमा प्रधान होती है । पुरुषों के विचार प्रकृति होती है और स्त्रियों के भाव प्रकृति होती है। पुरुष अगर कोई बहुत बड़ी संकट में है । ,दुख की घड़ी में है तो भी वह अंदर का दुख बाहर नहीं निकल पाता है। ना रो पाता है। क्योंकि उसमें उसका अहंकार बोलता हैं। परंतु यही दुख और तकलीफ अगर एक स्त्री को है तो वह सरल ह्रदय से अपना दुख सबके सामने कह देती है और भावुक होकर रो भी पड़ती है, उसको अपने मान और अपमान का चिंता नहीं रहती है।आज सभी संतो ने नारी शक्ति को आध्यात्म व व्यवहार से जोड़कर समझाने का बेहतरीन प्रयास किया ।