किसानों के सच्चे हितैषी थे ज्योतिबा फुले - मंगल चंद सैनी

Apr 11, 2024 - 15:07
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किसानों के सच्चे हितैषी थे ज्योतिबा फुले - मंगल चंद सैनी

ज्योतिबा फुले द्वारा लिखित पुस्तक 'किसान का कौड़ा ' के अध्ययन से हम जान पाते हैं कि वह किसानों के  सच्चे हितैषी थे, किसानों के कल्याण के लिए अंग्रेज सरकार से निरंतर संपर्क में रहते थे। उनके द्वारा किसानों के हित में दिए गए सुझाव-

  • 1.किसानों  की दुर्दशा व पिछड़ापन मिटाने के लिए यूरोपियन किसानों के समान प्रशिक्षण देकर उनके समान यंत्रों द्वारा खेती करने की कला सिखाएं, तब तक अंग्रेज व मुस्लिम गाय बैल बछड़ों को मारकर खाना बंद करें अन्यथा यहां के शूद्र  किसानों को खेती के लिए बैल व  गोबर खाद उपलब्ध नहीं होंगे।
  • 2.सरकार अन्य देशों से स्वयं के  खर्चे पर भेड़ बकरियों की अनेक उत्तम उत्कृष्ट नस्ल खरीद कर देश में लाये  उनसे प्रजनन कराये  जिससे खाद व ऊन  भी मिल सके।
  • 3.यदि सरकार सचमुच चाहती है कि अज्ञानी शूद्र  किसानों का भला हो और सरकार की व किसान  की आय बढ़े तो उसे चाहिए कि कृषि संबंधी प्रदर्शनियां लगाये फसलों की तथा हल चलाने की परीक्षा लेकर उत्तम किसानों को पदक दे उनके लड़कों को सरकारी खर्चे से विदेश में कृषि विद्यालयों का भ्रमण कराने के साथ अध्ययन कराये।  
  • 4.वर्षा के समय पहाड़ों से पानी के साथ प्राकृतिक खाद भी व्यर्थ बह जाता है सरकार जगह-जगह छोटे-छोटे एनीकट  बनाए जिससे खेत उपजाऊ हो जाएंगे, साथ ही पहाड़ों टीलों  के बीच घाटियों में छोटे-बड़े तालाब बनाए जिससे गर्मी के दिनों में भी पानी मिले व बावडी  में भी पानी मिलेगा।खेती बागवानी से सरकार व किसानों को भी लाभ होगा। मेड बंदी कराये  जिससे किसानों के खेतों में वर्षा के पानी से कटाव न हो।
  • 5.सरकार पानी का सर्वे कराये  जहां जमीन के अंदर पर्याप्त पानी हो वहां कुएं  बिना सरकारी सहायता के  किसान खोद  सके।
  • 6.तालाब के  तल में  जमा हुआ गारा - गाद  किसानों को मुफ्त  ले जाने दे।
  • 7.चारागाह की जो भूमिया जंगलात विभाग के नाम कर ली वह वापस दे जंगलों में से केवल ईंधन व खेत के लिए जरूरी लकड़ी लेने को छोड़कर इमारतों  के लिए या बेचने के लिए लकड़ी न  ले जाने दी जावे।
  • 8.सरकारी जंगलों में जंगली जानवरों से किसान  की खेती के बचाव के लिए उन्हें देसी बंदूक दे या  सरकार स्वयं सुरक्षा करें।
  • 9.किसानों के  लाखों परिवारों को समय पर भरपेट रोटी और तन पर कपड़ा मिलना भी दूभर है उधर उनके सुख सुरक्षा के नाम पर पुलिस न्याय राजस्व आदि विभागों में नौकर रखे हुए हैं उन पर  होने वाले भारी भरकम खर्चे में  कटौती करें। किसान की उपज सरकार उचित मूल्य पर व समय पर खरीद करें। 
  • 10.किसानों  की जनसंख्या के अनुसार सरकार में कर्मचारी लगाए ताकि ब्राह्मण कर्मचारियों के शोषण से मुक्ति मिल सके। 

लेखन- मंगल चंद सैनी पूर्व तहसीलदार)

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