9 करोड़ की साइबर ठगी करने वाला चढ़ा साइबर पुलिस के हत्थे: खुद को बताता था यूथ कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष
कामां (डीग) साइबर थाना पुलिस ने 29 लाख 12 हजार की ठगी करने के आरोपी युवा कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष कामां तौफीक को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। बूंदी जिले की साइबर पुलिस ने डीग पहुंच कर अपनी वेशभूषा बदलकर शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग तरीके से जाल बिछाकर जानकारी जुटाई।
पुलिस ने आरोपी के गांव के आसपास के गांवों में स्थानीय लोगों से भी जानकारी जुटाई गई। जब पुलिस ने पूरी तरह से तथ्य इकट्ठे कर लिए इसके पश्चात पुलिस बूंदी गई और फिर वहां से प्रोडक्शन वारंट लेकर आई और फिर डीग जेल से शातिर साइबर ठग को बूंदी लेकर गई। आरोपी तौफीक को बूंदी पुलिस ने चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है और गहनता के साथ पूछताछ की जा रही है। रिमांड के दौरान आरोपी ने अपने करीबी चार साथियों के नाम और बताए हैं। इस संपूर्ण कार्यवाही को पुलिस अधीक्षक बूंदी हनुमान प्रसाद मीणा के निर्देशन में अंजाम दिया गया है। साइबर पुलिस ने ग्राम खेड़ली-काजी (सहसन) पुलिस थाना जुरहरा, डीग निवासी तौफीक खान पुत्र दीनू उम्र 37 वर्ष को गिरफ्तार किया। तौफीक ने फरियादी से ऑनलाइन ठगी के माध्यम से 29 लाख 12 हजार रुपए की ठगी की थी। इस सायबर ठगी का शिकार हुआ पीड़ित सहायक अभियंता डिस्कॉम हिंडोली आशीष साहू है।आशीष ने साइबर थाने में शिकायत दी थी।
तहरीर में बताया कि 22 फरवरी 2023 को मेरे फोन पर एक लिंक भेज कर मुझे इस ठगी का शिकार बनाया गया था। लिंग के माध्यम से इन्वेस्ट करने के लिए बोला गया साहू ने 29 लाख 12 हजार रुपए खाते में डाल दिए और ठगी का शिकार हो गया। प्राथमिक दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस ने मामले का फॉलोअप करना प्रारंभ किया। पुलिस अधीक्षक बूंदी हनुमान प्रसाद ने बताया कि ठग गिरोह के सदस्य से पूछताछ में और भी ,बहुत से खुलासे होने की उम्मीद है। शातिर ठग तौफीक और इसकी टीम के सदस्य लंबे समय से ठगी करते आ रहे हैं।
आरोपी को पकड़ने के लिए रणनीति बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले हेड कांस्टेबल मुकेंद्र पाल सिंह रहे हैं। आरोपी तौफीक के मामले में सबसे ज्यादा अचंभित करने वाली बात यह है कि तौफीक खान के खाते से 9 करोड रुपए का ट्रांजैक्शन हो चुका है। आरोपी तौफीक ने बैंक में बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए करंट अकाउंट के तौर पर तौफीक ट्रेडिंग कंपनी के नाम से खाता खुला रखा है। खाते के संबंध में जब अधिक जानकारी जुटाई तो पता चला तौफीक किसी भी प्रकार का कोई व्यवसाय नहीं करता है। आनलाइन ठगी करना ही एकमात्र तौफीक का व्यवसाय है।
जुरहरा में पता करने पर सामने आया कि, तौफीक पुलिस से बचने के लिए खुद को यूथ कांग्रेस का ब्लॉक अध्यक्ष बताता था। इसके अलावा वह राजनीतिक कार्यक्रमों में भी शामिल होता था। पुलिस को अपना पॉलिटिकल रसूख दिखाकर बचता था। तौफीक के कई फोटो कांग्रेस के नेताओं के साथ भी हैं।