गौशालाओं में संधारित गौवंश के ग्रीष्म ऋतु एवं लू प्रकोप से बचाव हेतु एडवाइजरी
भरतपुर, 29 अप्रैल। जिले के समस्त गौशाला व्यवस्थापकों, गौपालकों को तापघात से गौवंश को बचाने के सम्बन्ध में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. खुशीराम मीना ने एडवाईजरी जारी की है।
संयुक्त निदेशक ने बताया कि गौवंश को धूप एवं लू-ताप से बचाने के लिए गौशाला संचालक संधारित गौवंश हेतु पर्याप्त छाया की व्यवस्था करें तथा शैड को गर्म हवाओं से प्रकोप से बचाने के लिए तिरपाल अथवा टाट, बोरे से ढके।
*ये एडवाईजरी की जारी*
- गौवंश हेतु पर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा एवं पशुआहार की व्यवस्था हेतु गौशाला प्र्रबंधन समुचित
व्यवस्था करें।
- गौवंश को दिन में कम से कम चार बार ठण्डा, शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाना
चाहिये।
- बीमार तथा अषक्त गौवंशों हेतु संबंधित पशु चिकित्सा कार्मिकों की देखरेख में उपचार की व्यवस्था
की जाये।
- गौशालाओं में संधारित गर्भवती एवं असहाय गौवंश की विशेष देखभाल की जाये एवं आवश्यकता
पडने पर चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था की जाये।
- गौशाला में आगजनी से गौवंश के बचाव के समुचित प्रबंधन किये जाये।
- मृत गौवंश का निस्तारण यथाशीघ्र सुरक्षित एवं सम्मानजनक ढंग से किया जाये जिससे गर्मी के
कारण शव का पुट्रीफिकिशन (विपुटन) न होने पाये और बीमारी का खतरा न पैदा हो।
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