अपना घर ने महिला प्रभु जी को 11 वर्ष बाद परिवार से मिलाया
रूपबास, (भरतपुर / कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) अपना घर शाखा रूपवास के संस्थापक संजीव गुप्ता ने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला प्रभु जय श्री को जो रूपबास में कई दिनों से घूम रही थी उसे अपना घर बझेरा भरतपुर में 12 जुलाई 2013 शुक्रवार को निजी वाहन से भर्ती कराया था । महिला प्रभु मनोरोगी को उपचार के बाद 11 वर्ष बाद थोड़ी-थोड़ी याददाश्त आने पर टूटे-फूटे शब्दों में पता बताया जिस पर संस्थापक संजीव गुप्ता व मंत्री गीतम सिंह परमार ने अथक प्रयास कर पते की जानकारी प्राप्त कर परिवार जनों से संपर्क कर 11 वर्ष बाद उसे परिजनों से मिलाया।
शिक्षाविद हरिशंकर शर्मा ने बताया कि महिला प्रभु जयश्री पत्नी भीकम सिंह बघेल निवासी पन्ना का पुरा (पड़ाका काकोली ) तहसील सैपऊ जिला धौलपुर 15 जून 2013 को अचानक घर से निकल गई जिसे पीहर व ससुराल पक्ष ने धौलपुर,आगरा, ग्वालियर, अहमदाबाद व अन्य स्थान पर तलाश की लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिली। 12 जुलाई 2013 शुक्रवार को अपना घर रूपबास के संस्थापक संजीव गुप्ता को सूचना मिली कि कोई महिला प्रभु जो मनोरोगी है वह बाजार व स्टेशन पर घूम रही है जिसे तत्काल अपना घर बझैरा में भर्ती कराया गया। वह 11 वर्ष अपना घर में रहने पर सुधार आने पर थोड़ी-थोड़ी याददाश्त लौटी जिसे अपना निवास का टूटा फूटा पता बताया। अपना घर भरतपुर के अजय शर्मा ने रूपबास इकाई से संपर्क कर जानकारी दी। रूपबास इकाई द्धारा संपूर्ण जानकारी कर परिजनों से संपर्क कर महिला प्रभु जय श्री को मिलाया तथा परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद कस्बा रूपवास में अशोक गोयल मार्बल स्टोर पर इकाई द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया। संजीव गुप्ता संस्थापक, सतीश तिवारी प्रधानाचार्य, हरिशंकर शर्मा शिक्षक नेता, दुर्गा प्रसाद गुप्ता अध्यक्ष, गीतम सिंह परमार, राधेश्याम शर्मा, ओमप्रकाश परमार, प्रणय शर्मा, अशोक गोयल तथा महिला इकाई के अध्यक्ष मधु गोयल, सुनीता शर्मा, उषा शर्मा, प्रेक्षा अग्रवाल, रामरती गोयल, आनंद प्रकाश गोयल, राकेश शर्मा व आशा शर्मा ने पीहर पक्ष चीत तहसील कागारोल आगरा व ससुराल पक्ष से भीकम सिंह पति, श्रीमती पिंकी पुत्रवधु, उमेश चंद भतीजा, राकेश भाई, देवेंद्र सिंह देवर, महिला प्रभु जय श्री को पटका पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। सतीश चंद्र तिवारी प्रधानाचार्य, संजीव गुप्ता संस्थापक, गीतम सिंह परमार मंत्री व हरिशंकर शर्मा शिक्षा विद ने अपना घर इकाई के उद्देश्यों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा महिला प्रभु के साथ पीहर व ससुराल पक्ष को भावभीनी विदाई दी। उमेश चंद भतीजे ने बताया कि बुआ के गांव में आने का समाचार मिलने पर ग्राम चीत कगारोल व पन्ना का पुरा सैंपऊ अपार खुशी है तथा अपना घर को ईस पुनीत कार्य के लिए आभार व्यक्त किया है।