एक पेड़ मां के नाम'लगाने के आह्वान पर जन्मदिन पर किया पौधारोपण

भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
धोरीमन्ना जन्मदिन एक बहुत ही खुशी का मौका होता है पर यह खुशी चार गुना हो जाती है अगर हम अपने जन्मदिन को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ देते है।इसी प्रकार जन्मदिन को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने का कार्य पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्थान द्वारा एक मुहिम के रूप में किया जा रहा है। जिसमे पिछले ढाई दशकों से लोगों को पौधारोपण के लिए व सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्ति के लिए प्रेरित किया जा रहा है।संस्थान के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि टीम द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए 'एक पेड़ मां के नाम'अभियान को आगे बढ़ाते हुए गडरा निवासी कविता पुत्री हरिकिशन खिचङ के जन्मदिन पर पौधारोपण कराकर सेवा व सुरक्षा की शपथ दिलाई गई।इस अवसर पर उपस्थित परिवार के सदस्यों व ग्रामिणों ने बारिश के मौसम में अधिक से अधिक पौधारोपण करने की शपथ ली।प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है।प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी,सर्दी,वर्षा आदि सब प्रकृति के सन्तुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं सन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी अच्छा होगा और सभी मौसम भी समयानुकूल सन्तुलित रहेंगे।यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं कहर ढाने लगेंगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को पूरा महत्व दिया। वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण ही मानवता को बाढ़, भूकंप और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाएं झेलनी पड़ रही हैं। पिछले कुछ दशकों में वनों की अंधाधुंध कटाई हुई है। जिससे वन क्षेत्र में काफी कमी आई है। भावी पीढिय़ों को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक नागरिक को पौधारोपण में सहयोग करना चाहिए।






