आरटीआई में विभागीय लापरवाही 5380 में से 1253 पेंडिंग 729 प्रथम अपील में
भरतपुर (कोश्लेन्द्र दतात्रेय)
सरकारी विभागों में आरटीआई के तहत आनलाइन सूचना प्राप्त करना आसान नहीं है। अगर आवेदन कर दिया है तो उसे अनदेखा कर दिया जाता है। या फिर आंनलाइन आवेदनों को सरकारी विभाग देखना ही मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। और आंफलाइन आवेदनों को दरकिनार कर दिया जाता है। मामला जब प्रथम अपील में पहुंचता है तो विभाग की नींद खुलती हैं। यही कारण है कि जिले में 6 अगस्त तक 10 रुपए फीस जमा करा कर आंनलाइन सूचना प्राप्त करने के लिए 5380 आवेदन हुए , लेकिन कई महीनों से 1253 आवेदन अभी पेंडिंग चल रहे हैं। हालात ये है कि अधिकारियों की अनदेखी के कारण 729 आरटीआई प्रथम अपील में पहुंच गई तब जाकर उन्हें आरटीआई आवेदनों का पता चला। भरतपुर के आरबीएम हास्पीटल, सीएमएचओ कार्यालय आदि कई विभागों के यही हाल है। जहां सूचना के अधिकार के तहत सूचना के लिए आवेदनों की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है।यही कारण है कि लोगों को आनलाइन सूचना नहीं मिल रही है। और आमजन इसके लिए भी सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
लोक सूचना अधिकारी , नोडल व प्रथम अपील अधिकारी के नाम तक अपडेट नहीं
सरकारी स्तर पर लापरवाही इस कदर है कि लोक सूचना अधिकारी , नोडल अधिकारी एवं प्रथम अपील अधिकारी तक के नाम अपडेट नहीं किए गए हैं। जिला कलैक्टेट में प्रथम अपील अधिकारी आलोक रंजन ही चल रहे हैं। जबकि उनके बाद लोकबंधु जिला कलेक्टर रह चुके हैं। एवं वर्तमान में डां.अमित यादव जिला कलेक्टर है। जिला कलेक्टर रहे रवि जैन का नाम भी प्रथम अपीलेंट अधिकारी में अभी तक दर्ज है। जबकि पूर्व कलेक्टर लोक बंधु को नोडल अधिकारी लिखा है।
उपखंड भरतपुर कार्यालय का लोक सूचना अधिकारी में देवेंद्र परमार का नाम दर्ज है। सीएमएचओ कार्यालय के रिकार्ड में डा.कप्तान सिंह अभी तक लोक सूचना अधिकारी बने हुए हैं। जबकि सीएमएचओ डॉ गौरव कपूर है। आरबीएम चिकित्सालय में लोकसूचना अधिकारी की सूची में राजेश गुप्ता का नाम दर्ज है। जबकि आरबीएम चिकित्सालय में आरडी शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है।
सूचना के अधिकार का फार्म बाजार से खरीद कर लाने , डाकघर में रजिस्ट्री पोस्ट कराने या सम्बंधित विभाग में जाकर सूचना के अधिकार के तहत सूचना लेने यानि आरटीआई लगाने का समय नहीं है तो घर बैठे या ई-मित्र के जरिए भी आनलाइन आवेदन किया जा सकता है। परन्तु सरकार की इस सुविधा का सरकारी विभागों में बड़ी लापरवाही होने से लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। क्यों कि आमजन आरटीआई के जबाब के इन्तजार में रहते हैं। विभाग सूचना के अधिकार का आमजन को जबाब ही नहीं देते हैं। वहीं दूसरी ओर भरतपुर जिले का स्टेटस देखें तो 6 अगस्त तक 5380 कुल आवेदन हुए और 1253 आवेदन पेंडिंग हैं प्रथम अपील में 729 आरटीआई लगी हुई है। यही नजारा नगरपालिका वैर में लगी सूचना के अधिकार के तहत लगे प्रार्थना पत्रों का है। सूचना के अधिकार का जबाब नगरपालिका प्रशासन देना नहीं चाहता हू। जबकि सूचना के अधिकार के तहत प्रथम अपील, द्वितीय अपील भी आमजन ने प्रेषित कर रखी है। लेकिन आज तक आमजन को कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है।