उपचार नहीं मिलने से भटक रहे मरीज: खैरथल के सेटेलाइट हॉस्पिटल में रोग विशेषज्ञों का टोटा, गड़बड़ाई व्यवस्था
खैरथल (हीरालाल भूरानी)
जिला मुख्यालय स्थित सेटेलाइट हॉस्पिटल में रोग विशेषज्ञों के नहीं होने से आम मरीजों को भारी असुविधा उठानी पड रही है। मरीजों को विशेषज्ञों के नहीं होने से अन्यत्र निजी अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर होना पड रहा है।
मौसमी बीमारियों के सीजन के समय यहां के अस्पताल में ओपीडी 600-700 मरीजों की होती है। वर्तमान में इस अस्पताल में 13 चिकित्सकों के पद स्वीकृत है जिनमें से मात्र छ चिकित्सक ही नियुक्त है। जिनमें रात्रि ड्यूटी के अलावा एक आध चिकित्सक छुट्टी पर भी चले जाने तथा कोर्ट एविडेंस में जाने की वजह से केवल बच्चों एवं नाक कान व दंतचिकित्सक के भरोसे मरीजों को अपना इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। दो-तीन चिकित्सकों को डेपुटेशन पर अन्यत्र अस्पतालों में लगाया हुआ है। कई बार राजनेताओं व स्वास्थ्य प्रशासन को स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं ने स्वीकृत पदों को भरने की मांग की लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस समय अस्पताल में जनरल सर्जन, नेत्र रोग, फिजियशन के पद रिक्त चल रहे है। मजेदार तथ्य यह है कि जिला मुख्यालय स्थित सेटेलाइट अस्पताल जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी भी इसी परिसर में बैठे हो और जिला कलक्टर की ओर से समय-समय पर निरिक्षण किया गया वहां चिकित्सकों के पद खाली होना स्थानीय जनता के साथ बेईमानी सिद्ध हो रही है। जिला मुख्यालय बनने के बाद राज्य सरकार ने जिला अस्पताल बनाए जाने की घोषणा की लेकिन अभी तक कोई उचित कार्यवाही नहीं हो पा रही है। वर्तमान में मौसमी बीमारियों के चलते इस अस्पताल में पांच से छ सौ मरीज आ रहे है। लेकिन प सुविधाओं के अभाव में मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
इनका कहना है --
इस संबंध में सेटेलाइट अस्पताल खैरथल के पी एम ओ डॉ नितिन शर्मा ने बताया कि यह बात सत्य है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है।कई बार राज्य सरकार सहित स्वास्थ्य अधिकारियों को इससे अवगत कराया जा चुका है।