रामगढ़ विधानसभा एक बार फिर उपचुनाव की राह पर, कांग्रेस एवं भाजपा के सामने उम्मीदवार को लेकर असमंजस

गोविंदगढ़, अलवर
रामगढ़ विधानसभा में जुबेर खान की 14 सितंबर की प्रातः 5:50 पर मृत्यु हो जाने पर विधानसभा का स्थान रिक्त हो गया अब यहां पर उपचुनाव होना तय है जिसको लेकर पूरी विधानसभा में सरगर्मी तेज हो गई है। पिछले चुनाव में जहां स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा हावी रहा था अब विधायक जुबेर खान की मृत्यु के बाद यह है मुद्दा कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि कोंग्रेस ओर भाजपा के प्रत्याशी होने के बाद भी स्थानीय प्रत्याशी सुखवंत सिंह ने 74,069 मत हासिल किए थे। और अब भाजपा के साथ ही कोंग्रेस में भी स्थानीय प्रत्याशी की मांग उठ रही है जो कोंग्रेस ओर भाजपा दोनों के लिए यह अग्नि परीक्षा के समान होगी।
वही 2018 के चुनाव में भी रामगढ़ विधानसभा में बसपा प्रत्याशी की मृत्यु हो जाने पर उपचुनाव हुए थे जिसमें साफिया जुबेर खान विजय रही थी और 2023 के चुनाव में जुबेर खान विजय रहे थे यहां पर दोनों चुनावो में भाजपा को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। वही राजस्थान में अन्य का सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं जिनकी अभी अधिसूचना घोषित होनी बाकी है कयास लगाए जा रहे हैं कि रामगढ़ विधानसभा के चुनाव भी उन्हें उपचुनाव के साथ कराए जा सकते हैं।
कोंग्रेस ओर भाजपा असमंजस की स्थिति में-
ऐसे में अब कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों असमंजस की स्थिति में आ गई है क्योंकि दोनों पार्टियों को 2023 के चुनाव में अपने प्रत्याशी बदलने पड़े थे क्योंकि तत्कालीन विधायक साफिया खान को विरोध झेलना पड़ा था जिस कारण से पार्टी ने जुबेर खान को टिकट दिया था वहीं भाजपा ने जय आहूजा को अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसमे जुबेर खान ने 93,765 वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की थी । वही भाजपा प्रत्याशी जय आहूजा ने 34,882 वोट हासिल करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया था।
इसके विपरीत सुखवंत सिंह ने 74,069 वोट हासिल करते हुए सभी को चोंका दिया था। और राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा जैसी दिग्गज पार्टियों के बाद किसी प्रत्याशी ने इतने मत हासिल किए थे और रामगढ़ विधानसभा में वह दूसरे स्थान पर रहे थे। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने सुखवंत सिंह का टिकट काटकर जय आहूजा को दिया था । लेकिन परिणाम के बाद आमजन ने यह जरूर कहा कि यह पार्टी का गलत फैसला था। सुखवंत सिंह को अगर बीजेपी टिकट देती तो उसकी जीत निश्चित थी।
टिकट के दावेदार-
भाजपा के टिकट के लिए अब वर्तमान में सुखवंत सिंह भाजपा में वापसी कर चुके हैं और पार्टी के कार्यकर्ता है टिकट के दावेदार है वही जय आहूजा भी भाजपा से ही टिकट की दावेदारी करते हैं और अब एक ओर नाम रामगढ़ विधानसभा में सुनने में आ रहा है जो की अलवर शहर से विधायक रहे बनवारी लाल सिंघल का है।
वही कोंग्रेस की ओर से पूर्व विधायक साफिया जुबेर खान और उनके बड़े बेटे आदिल खान का नाम सामने आ रहा है । यहां ओर भी नाम सामने आ सकते है वही पार्टी ने एक कमेटी गठित की है जोकि उम्मीदवार का फैसला करेगी।
रामगढ़ सहित अब प्रदेश में सात सीटों पर कांग्रेस के दावा करने व भाजपा की तैयारी पर भाजपा की प्रदेश महामंत्री अहलावत ने कहा कि दावे हमेशा खोखले होते हैं। कौनसी विधानसभा है जिसका वोटर डबल इंजन सरकार का फायदा नहीं लेना चाहेगा। उपचुनाव में पिछले चुनाव वाले चेहरे रिपीट होंगे या नहीं इस पर बोली कि यह पार्टी तय करेगी।
वहीं कांग्रेस में जहां अभी कोई स्थिति साफ नहीं है की उपचुनाव के दौरान चुनाव कौन लड़ेगा हालांकि चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव की तिथियां घोषित नहीं की है। जिससे अभी सभी पार्टियों अपने पत्ते नहीं खोल रही है। वहीं रामगढ़ विधानसभा में चौपाल पर उपचुनाव को लेकर चर्चाएं प्रारंभ हो गई हैं और टिकट के दावेदार अपनी दावेदारिया की तैयारी कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उप चुनाव में पार्टी संगठन की मजबूती व समन्वय के लिए गुरुवार को एक कमेटी भी गठित कर दी। इसमें जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा, मुंडावर विधायक ललित यादव, पूर्व मंत्री ममता भूपेश व फतेहपुर विधायक हाकम अली को शामिल किया है। अब कांग्रेस अपनी इस सीट को यथावत बनाए रखने के लिए ब्लॉक, मंडल व बूथ स्तरीय कमेटियों का गठन करेगी।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने बताया कि हमने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निर्देशन में काम कर रहे हैं। पार्टी जिसे टिकट देगी उसे जिताएंगे।






