शरद पवार के गुट ने जीता शिरूर क्षेत्र के मतदाताओं का भरोसा, विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट को हराने की तैयारी

Sep 22, 2024 - 19:26
Sep 22, 2024 - 19:34
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शरद पवार के गुट ने जीता शिरूर क्षेत्र के मतदाताओं का भरोसा, विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट को हराने की तैयारी
शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। जिस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल कोल्हे का लगातार दो चुनाव से कब्जा बना हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट की तरफ से चुनाव मैदान में उतरे थे। 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया। यहां पहली बार 2009 में सांसद चुनने के लिए मतदान हुआ। यहां का रामलिंग मंदिर धार्मिक रूप से बेहद प्रमुख स्थान है। पहा‍ड़ी वादियों से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है।
यह लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से पुणे जिले के अंतर्गत ही आता है। जो जुन्नर, अंबेगांव, खेड़ आलंदी, शिरूर, भोसरी और हडपसर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। 2019 में हुए अंतिम विधानसभा चुनाव में यहां से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने लगभग क्लीन स्वीप करते हुए 6 में से पांच विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी। तो वहीं एक सीट भाजपा के खाते में भी गई थी। इस लोकसभा क्षेत्र की जुन्नर विधानसभा सीट महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही 1962 से अस्तित्व में आ गई थी। जिस पर अब तक बीजेपी के अलावा लगभग सभी दल अपना-अपना खाता खोलने में सफल रहे हैं। वर्तमान में यहां से अजित पवार के गुट वाली एनसीपी के वल्लभ बेनके विधायक हैं। उनके पहले यहां 2014 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेवा के शरद सोनावने बतौर विधायक चुने गए थे।
महाराष्ट्र के शिरूर लोक सभा क्षेत्र की अंबेगांव विधानसभा सीट महाराष्ट्र में एनसीपी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक मानी जाती है। जहां पार्टी के दिग्गज नेता दिलीप बालसे पाटिल लगातार सात बार से विधायक चुने जा रहे हैं। बालसे इस सीट पर 1990 के बाद से अपराजिता ही रहे हैं। वे 1990 और 1995 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। 1967 के बाद से अस्तित्व में आए शिरूर लोकसभा क्षेत्र के खेड़ आलंदी विधानसभा सीट के मतदाताओं ने अब तक भारतीय जनता पार्टी के अलावा सभी पार्टियों पर भरोसा जताया है। इस सीट पर एनसीपी को एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जाता है, क्योंकि 1999 के बाद से पार्टी यहां सिर्फ 2014 का चुनाव ही हरी थी। वर्तमान में एनसीपी के नेता दिलीप मोहिते इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
राज्य की विधानसभा में 198 नंबर से जाने जानी वाली शिरूर विधानसभा सीट पर 1999 के बाद से ही बीजेपी और एनसीपी के बीच मुकाबला जारी है। कांग्रेस शिरूर में 1995 में अंतिम बार चुनाव जीती थी। फिलहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) गुट के नेता अशोक पवार इस क्षेत्र की जनता की आवाज विधानसभा में पहुंच रहे हैं। विधायक अशोक पवार 2009 में भी विधानसभा का रास्ता तय कर चुके हैं। महाराष्ट्र में 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2009 से अस्तित्व में आए हडपसर विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने हर पाँचवे वर्ष में प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी को बदला है। वर्तमान में एनसीपी के नेता चेतन तुपे यहां से विधायक हैं। उनके पहले बीजेपी के योगेश तिलेकर भी हडपसर से विधायक चुने गए थे। शिरूर लोक सभा क्षेत्र की भोसरी विधानसभा सीट पर भी सर्वप्रथम 2009 में ही मतदान हुआ था। 2014 से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के महेश लांडगे का कब्जा बना हुआ है।

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