औद्योगिक कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए जयपुर में राष्ट्रीय स्तर की सेमिनार का हुआ आयोजन
राष्टीय सुरक्षा परिषद् राजस्थान चैप्टर की स्थाई सदस्य रुकमणी कौशिक ने भी दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय स्तर की तीन दिवसीय सेमीनार का किया उद्घाटन , एवम कारखाना एवम बॉयलर निरीक्षक विभाग राजस्थान सरकार एवम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् द्वारा जारी सुरक्षा पोस्टर का किया विमोचन
जयपुर (भारत कुमार शर्मा) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् मुंबई चैप्टर के द्वारा कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग राजस्थान के सहयोग से जयपुर के होटल क्लार्क आमेर में ," सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए औद्योगिक कार्यस्थल में सुधार ( 1- wish ) " विषय पर राष्ट्रीय स्तर की तीन दिवसीय सेमीनार आयोजित हुई, जिसमे देश के विभिन्न राज्यों से मुख्य सुरक्षा अधिकारी एवम औद्योगिक सुरक्षा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया, इस सेमीनार में उद्योगों में विनिर्माण प्रक्रियाओं के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं पर विशेष मंथन किया गया, तथा मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा नीति बनाने पर जोर दिया, साथ ही कारखानों में लागू सुरक्षा कानूनों को सख्ती से लागू करने पर बल दिया,
सेमीनार मे सुरक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए औद्योगिक नियमों एवं उपनियमों, सुरक्षा उपकरणों में तकनीकी विकास व सुधार लाने के लिए सभी राज्यों से पधारे सुरक्षा परिषद् के सलाहकार एवं सदस्यों ने सुरक्षा में मानवीय पहलुओं के साथ साथ उनके परिवार जनों पर होने वाले प्रभाव पर भी विचार व्यक्त किए,
सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रभाकर भट्ट, सुरक्षा परिषद् राजस्थान चैप्टर के संरक्षक, कारखाना एवं बॉयलर्स निरीक्षण विभाग के मुख्य निरीक्षक डीएल डामोर, अध्यक्ष आरसी जिंदल, सचिव व कारखाना एवं बॉयलर्स के उपमुख्य निरीक्षक हरिशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की स्थाई सदस्य रुकमणी कौशिक, नीमराना इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल कौशिक के कर कमलों द्वारा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया।
साथ ही अतिथियों द्वारा सुरक्षा परिषद् के मानकों को प्रदर्शित करते हुए पोस्टर का विमोचन किया गया। सेमिनार में औद्योगिक कार्यस्थल पर श्रमिकों एवं कर्मचारी के समय समय पर स्वास्थ्य परीक्षण, कार्यस्थल पर ध्वनि तथा वायु गुणवत्ता में सुधार, नई तकनीकी आधारित मशीनरी की स्थापना एवं उनका निश्चित समयानुसार मरम्मत एवं परीक्षण, उत्पादन व आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आदि को लेकर सम्पूर्ण देश के विभिन्न प्रदेशों के करीब 200 विशेषज्ञों द्वारा चर्चा करते हुए विभिन्न जानकारी उपलब्ध कराई गई। विशेषज्ञों द्वारा सभी अधिकारियों से उद्योगों तक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर विशेष बल देते हुए सुरक्षा नियमों का कढ़ाई से पालन करवाने पर बल दिया।