राजीविका द्वारा इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान परिसर में 21 अक्टूबर से 'दीपावली मेले' का आयोजन
जयपुर,19 अक्टूबर। अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्रेया गुहा ने बताया कि राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) द्वारा 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर 2024 तक 'दीपावली मेले' का आयोजन इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान परिसर, जवाहर लाल नेहरु मार्ग, जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। इस दीपावली मेले में प्रदेश के लगभग 70 से 80 स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य, अपने उत्पादों को प्रदर्शित एवं विक्रय करेंगी एवं हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, खाद्य एवं उन्नत तकनीक से बने हुए उत्पादों को प्रदर्शित भी किया जाएगा। ऐसे मेले महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को विक्रय करने के लिए उन्नत मंच उपलब्ध करवाते है जहाँ ये महिलाए अपने द्वारा बनाये गये उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त करती है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग ने बताया कि लोगों द्वारा इस मेले में ग्रामीण उत्पादों के लिए खासा उत्साह देखने का मिलता है। सौंदर्यता से ओतप्रोत सभी जिलों की संस्कृति, परिधान, भाषा एवं पारंपरिक उत्पादों के बेजोड़ नमूने इस मेले में देखने को मिलेंगे। मेले में राजस्थान की ब्लू पोटरी, कोटा डोरिया, लोहे के सामान, रोज प्रोडक्ट्स, लाख की चूड़ियां, आचार, नमकीन, मंगोड़ी, पापड, टेरा कोटा, जूट के उत्पाद, बाजरे के उत्पाद, सांगानेरी प्रिंट, कैर सांगरी, कसूरी मेथी, पेपर प्रोडक्ट्स, तीर कमान, सॉफ्ट टॉयज और राजस्थानी जूतियाँ मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहती है।
उन्होने बताया कि राजीविका, ग्रामीण विकास विभाग के तहत ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर उनको प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी आजीविका संवर्धन का कार्य किया जाता है। राजीविका स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों के द्वारा गैर कृषि कार्यों में मुख्यतः हैंडलूम, हेंडीक्राफ्ट एवं खाद्य गतिविधियों में पारंपरिक विधियों से कार्य किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि आयोजन के लिए इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान, जयपुर का परिसर अत्यंत सौंदर्य भरा है। यहाँ आयोजित किये जाने वाले सरस मेले में फ़ूड कोर्ट के अंतर्गत खाद्य सामग्री जिसका लाजवाब स्वाद कभी भूलना आसान नहीं होता है। अक्टूबर माह में दीपावली पर्व होने के कारण हर्षाेल्लाष के समय मेला आयोजित करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस मेले में वर्षा ऋतु एवं शरद ऋतु का सामंजस भरा वातावरण देखने को मिलता है।