कस्बे की महिलाओं ने गोवर्धन धाम पहुंचकर किया दीपदान
लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) कमलेश जैन
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आज देव दीपावली मनाई गई ।हिंदू धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व होता है। दीपावली के बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर देव दिवाली मनाई जाती है।
आज ही के दिनभगवान शिव ने देवताओं को त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के आतंक से मुक्ति दिलाई थी। जिसकी खुशी में बैकुंठ लोक में देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं। इसीलिए हर साल इस पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है।कस्बे में धूमधाम से देव दीपावली मनाई गई। अनेक घरों में दीपदान किया गया। पूर्णिमा तिथि पर पीपल के नीचे दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। इसलिए पीपल के नीचे भी लोगों द्वारा दीपदान किया वहीं, कस्बे की अनेक महिलाएं समूह में गोवर्धन धाम स्नान एवं दीपदान करने पहुंची।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि दीपदान करने से घर में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है। देव दीपावली के मौके पर आज शाम के वक्त तुलसी के पेड़ पर भी दीपदान किया। अनेक घरों में घर के मेन गेट के दोनों किनारे दीपक जलाएं, गए । कस्बे में अनेक घरों में अपनी श्रद्धा अनुसार देव दीपावली पर 11, 21, 51 दीपक जलाए गए। कहते हैं देव दीपावली पर दीपदान करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है और अकाल मृत्यु का डर भी खत्म होता है देव दिवाली के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है।
आज के दिन गंगा स्नान और स्नान के बाद दीपदान भी महिलाओं द्वारा गोवर्धन धाम पहुंचकर किया गया। मान्यता है कि ऐसा करने से 100 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। आज पूर्णिमा को देव दिवाली के दिन अनेक घरों में तुलसी जी को पीले रंग का दुपट्टा या चुन्नी भी चढ़ाई गई। मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि दीपदान से भक्तों के सभी प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।