राष्ट्रीय प्रेस दिवस आज, प्रेस अपने कर्तव्य को निभाए - शिक्षाविद डॉक्टर शास्त्री हरिप्रसाद शर्मा
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है जो जनता की राय को आकार देने, विकास को प्रोत्साहन देने और सत्ता को जवाबदेह बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह विकास का एक शक्तिशाली उपकरण है। और इसके लिए जरूरी है कि प्रेस पूर्वाग्रह से मुक्त होकर काम करे और जनता को सूचित व शिक्षित करने के अपने कर्तव्य को निभाए। ये दिन इसी बात के महत्व को प्रतिपादित करने के लिए समर्पित है।
बीते समय में, मीडिया ने लाखों लोगों के हितों की रक्षा करने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रेस के इस महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने के लिए 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। यह दिन समाज में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की भूमिका को रेखांकित करता है जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अनिवार्य है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार प्रेस के महत्व को रेखांकित करता है। लोकतंत्र में मीडिया को चौथा स्तंभ” माना गया है, जो जनता को शिक्षित करने, सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और विभिन्न विचारों को मंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वतंत्र प्रेस सरकार और अन्य संस्थानों को जवाबदेह ठहराकर सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
मीडिया से संबंधित चुनौतियों और बदलते स्वरूप पर चर्चा करने के लिए कई स्थानों पर सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन किया गया। पिछले कुछ समय में इन चर्चाओं में फेक न्यूज़, गलत सूचनाएं और सेंसरशिप जैसी समस्याओं से निपटने के उपायों पर भी विचार करना चाहिए। साथ ही, पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को उनके नैतिक दायित्वों और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के महत्व की याद दिलानी चाहिए। यह दिन न सिर्फ समाज में मीडिया की भूमिका का उत्सव है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता के साथ आने वाली जिम्मेदारियों पर चिंतन का अवसर भी है। पत्रकारों के योगदान को मान्यता देते हुए, प्रेस एवं पत्रकार भी अपना कर्तव्य निभाएं।आज का दिन एक स्वस्थ और प्रभावी लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस की अनिवार्यता को सुदृढ़ करता है।