सरकारी विद्यालयों में कुक कम हेल्पर को 11 माह से अल्प मानदेय का इंतजार: काम छोड़ने को मजबूर

Nov 27, 2024 - 18:22
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सरकारी विद्यालयों में कुक कम हेल्पर को 11 माह से  अल्प मानदेय का इंतजार: काम छोड़ने को मजबूर

गोविन्दगढ़,अलवर
गोविन्दगढ़ ब्लॉक के सरकारी विद्यालयो में मिड डे मील योजना के तहत अल्पमान देय पर कार्यरत कुक कम हेल्परों का मानदेय विगत 11 माह से नहीं होने पर उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है हालत यह भी है कि कई विद्यालयों में कुक कम हेल्पर की ओर से कार्य छोड़ने की नौबत भी आ गई है।
पोषाहार बनाने के लिए विद्यालयों में कुक कम हेल्पर लगाए गए हैं जिन्हें मानदेय के रूप में महज 2143 की राशि प्रति माह निर्धारित की गई है और नामांकन के आधार पर किसी विद्यालय में एक तो किसी में एक से अधिक कुक कम हेल्पर की नियुक्ति मानदेय के आधार पर की गई है इसका भुगतान भी विगत 11 माह से नहीं हुआ है। जिससे उनके परिवार का पालन पोषण भी मुश्किल से होता है। ग्रीष्म अवकाश और मध्यवर्ती अवकाश का मानदेय तक नहीं मिलता।

यही नहीं विभाग के द्वारा उन्हें ट्रेनिंग के लिए जयपुर तक ले जाया गया लेकिन मानदेय की शिकायत करने पर भी वहां बैठे अधिकारियों ने अभी तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया। गोविन्दगढ़ ब्लॉक में 87 विद्यालयों में लगभग 150 से अधिक कुक कम हेल्पर कार्यरत हैं। वही पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के अंतर्गत दूध गर्म करने वाले कार्मिकों का भी दिसंबर 2023 तक का ही भुगतान किया गया है।

अब मानदेय के अभाव में कुक कम हेल्पर कार्य करने  से मना कर रहे हैं जिस पर संस्था प्रधान काफी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं क्योंकि इतने कम मानदेय में उन्हें नए कुक कम हेल्पर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है ये कुक कम हेल्पर  सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पोषाहार बनाने के लिए छात्र संख्या के हिसाब से राज्य सरकार की ओर से  कुक कम हेल्पर लगाए गए हैं । क्षेत्र में कई विद्यालयों में तो छात्र संख्या के हिसाब से तीन-तीन कुक कम हेल्पर तक लगाए गए हैं। जिनके भुगतान को लेकर संस्था प्रधान काफी परेशानियों को झेल रहे हैं जिनका कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो विद्यालय में बनने वाले पोषाहार को लेकर समस्या खड़ी हो जाएगी।


कुक कम हेल्पर बत्तो देवी का कहना था कि उन्हें 11 माह से कोई मानदेय प्राप्त नहीं हुआ है , उन्हें घर चलाना भारी पड़ रहा है उनके मानदेय से तो अच्छा नरेगा में काम करने वाली महिलाएं हैं जिन्हें उनसे अधिक राशि मिलती है और समय पर मिल भी जाती है। लेकिन सरकार के द्वारा हमें 11 माह से कोई भुगतान नहीं किया गया है हम बच्चों को भोजन करा रहे हैं लेकिन हमारे भोजन के लाले पड़े हुए हैं। 
कचरोटी गांव स्थित प्राइमरी विद्यालय की कुक कम हेल्पर तो 5 माह पूर्व  भुगतान नहीं मिलने के कारण कार्य छोड़कर जा चुकी है अब वहां पर अध्यापकों के द्वारा 6 माह से नई कुक कम हेल्पर बुलाई गई है। जिसका भी भुगतान अभी तक लंबित है।

नेकीराम जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा अलवर ने बताया कि बिल बनाकर ट्रेजरी भेजे हुए हैं । जैसे ही बजट स्वीकृत होगा तभी भुगतान हो जाएगा।

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विश्वजीत सिंह का कहना है कि :- संबंधित संस्था प्रधानो को पूर्व में निर्देशित किया हुआ है कि कुक कम हेल्परों का भुगतान समय पर दिया जाए यदि कुक कम हेल्परों का भुगतान एमडीएम मद से प्राप्त नहीं हो रहा है। तो विद्यालय के किसी भी मद से कर दिया जावे एवं राशि प्राप्त होने पर राशि का समायोजन किया जावे।  उच्च अधिकारियों से बात कर शीघ्र इनका निस्तारण किया जाएगा ।

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