पंचायतीराज संस्थाओं मे भी लगेगे प्रशासक नही बढ़ेगा कार्यकाल
जयपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) प्रदेश की 49 स्थानीय निकायों में जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल खत्म होने पर उपखंड अधिकारियों को प्रशासक लगाया गया ऐसे मे माना जा रहा है की अब पंचायती राज संस्थाओं में भी प्रशासक लगाए जाएंगे। पंचायती राज विभाग ने इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। प्रदेश की 49 निकायों का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो गया। राज्य सरकार ने इनमें प्रशासक नियुक्त कर दिए। राज्य में वन स्टेट-वन इलेक्शन की प्रक्रिया के तहत इनमें चुनाव कराने की तैयारियां शुरू नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार ने विधानसभा में पेश किए बजट में वन स्टेट वन इलेक्शन प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। इस पर अमल जारी है। इस बीच 49 निकायों का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो गया, तो राज्य सरकार ने उनमें प्रशासक नियुक्त कर दिए। अब अगले साल जनवरी माह में 21 जिला परिषदों, 222 पंचायत समितियों और छह हजार 759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है।पंचायती राज विभाग ने इनमें प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय कर लिया। जिस दिन इनका कार्यकाल पूरा होगा, उसी दिन प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। पंचायती राज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2025 में 21 जिलों प्रमुखों, 21 उप जिला प्रमुखों, 222 प्रधानों, 222 उप प्रधानों, 636 जिला परिषद सदस्यों और चार हजार 371 पंचायत समिति सदस्यों का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसी प्रकार 21 जिलों के छह हजार 759 सरपंचों और 66 हजार 909 वार्ड पंचों का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। इनके चुनाव तीन चरणों में जनवरी 2020 में कराए गए थे। पंचायती राज संस्थाओं में भी कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं हैं। इसलिए राज्य सरकार इनमें भी प्रशासक नियुक्त करेगी। जिला प्रमुख की जगह जिला कलक्टर, प्रधान की जगह विकास अधिकारी और सरपंच की जगह ग्राम विकास अधिकारी को प्रशासक की जिम्मेदारी दी जाएगी।
राजस्थान सरपंच संघ ने अन्य राज्य में सरपंचों के कार्यकाल को बढाए जाने का हवाला देते हुए राजस्थान में भी सरपंच का कार्यकाल बढाने की मांग की थी परन्तु नियमों में सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष का ही है ऐसे में कार्यकाल बढाने के स्थान पर प्रशासक लगाए जा सकते है राजस्थान विधानसभा के शीतकालीन सत्र मै चुनाव करवाये जाने को लेकर चर्चा हो सकती है।