नगर निगम के पाँच अधिकारियों पर 25 लाख की फ़र्जकारी का आरोप ठेकेदार ने अदालत में ठोका मुकदमा
भरतपुर ( कोशलेन्द्र दत्तात्रेय)
राजस्थान के भरतपुर में छोटे छोटे कामो के लिए बजट का रोना रोने बाली नगर निगम के अधिकारी जनता के पैसों को किस तरह से बंदरबांट कर रहे है ।इसकी बानगी निगम के एक ठेकेदार की तरफ से न्यायालय एसीजेएम संख्या 2 की अदालत में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत पेश किए गए इस्तगासा में देखने को मिली है। शहर के 374 कृष्णा नगर निवासी ठेकेदार देवेन्द्र गुधैनियां की तरफ से नगर निगम के अधिशासी अभियंता विनोद कुमार चौहान, भरतपुर विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता श्रीमती संतोष, नगर निगम के सहायक अभियंता राधेश्याम गुर्जर, तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता आशीष कुमार मौर्य, भरतपुर विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता संजय अग्निहोत्री व नगर निगम के सहायक अभियंता दारा सिंह के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 318, 319 322, 336, 337, 338, 336 (3), 340, 341 3. 61 के अंतर्गत दायर इस्तगासा में बताया गया कि आरोपी अधिकारियों ने शहर के विभिन्न वार्डों में नाली, नाला क्रॉस रिपेयर के नाम पर सन् 2022-23 एवं 2023-24 में टेंडर निकाल अन्य संवेदको के साथ मिलकर कूटरचित तरीके से दो वर्ष पूर्व की तारीखों में फर्जी बिल इन्द्राज कर वार्डों में पहले से ही लगे जालों को नाप कर नए जाल के नाम पर करीब 60 जालों को जिसकी सरकारी लागत करीब 15 लाख रूपये है को माप पुस्तिका में दर्ज किया। इसी तरह जगह जगह नये फेरोकवर, नये सी.सी. पेच कार्य एवं चिनाई प्लास्टर दिखाकर घोटाले की बिल राशि को करीब 33 लाख रूपये तक पहुँचा दिया। इस पूरी फ़र्जकारी में आरोपी अधिकारियों ने अपनी पदीय हैसियत का दुरूपयोग कर संवेदक द्वारा कार्य न करते हुए भी साजिश वश आपराधिक षड्यन्त्र रचते हुए, छल करने के उद्देश्य से दस्तावेज व इलैक्ट्रॉनिक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर निगम को करीब 25 लाख रूपये का चूना लगा दिया। अदालत ने दायर इस इस्तगासा पर संज्ञान लेते हुए सैक्शन 202 के अंतर्गत अग्रिम पूर्ण जाँच हेतु थाना मथुरा गेट को 4 जनवरी 2025 तक अनुसंधान कर न्यायालय के समक्ष जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया है। गौरतलब है कि ठेकेदार देवेन्द्र गुधैनियां ने आरटीआई के माध्यम से उन सभी दस्तावेजों को प्राप्त किया जिससे निगम में की गई फ़र्जकारी उजागर होती है।