पेंशनभोगियों के लिये नये नियम बने आफत,फोटो खिंचवाने पर ही बन रही है पर्ची
सिरोही (रमेश सुथार)
-अस्पतालों में आरजीएचएस कार्ड धारकों के फोटो खिंचवाने के बाद ही पर्ची कट रही है। जिससे राजस्थान के लाखों आरजीएचएस धारक कर्मचारी व विशेषकर अति वृद्ध ,दिव्यांग,कोमा ग्रस्त,चलने फिरने में असक्षम पेंशनर भंयकर परेशान हो रहे हैं । अस्पताल में आरजीएचएस के तहत ओपीडी पर्ची कटवाने पर वेब कैमरे से फोटो लिए जा रहे हैं ।आरजीएचएस धारक कर्मचारियों व पेंशनभोगी मरीजों को अस्पताल आकर पर्ची कटवाना पड रहा है। बुजुर्ग,चलने फिरने में असक्षम ,दिव्यांग व गंभीर रोग से ग्रसित रोगियों के लिए बड़ा संकट बन गया है ।अधिकांश पेंशनर बीपी, शुगर आदि बीमारियों की दवाई नियमित ले रहे है ।सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों ,बुजुर्गों, खाट में पड़े गंभीर रोगियों, चलने फिरने में असक्षम व दिव्यांगों को भारी परेशानी हो रही है। पहले गंभीर रोगियों ,दिव्यांगों,चलने फिरने में असक्षम रोगियों के परिजन पर्ची कटवा कर सीधे बुजुर्ग,दिव्यांग,चलने फिरने में असक्षम व गंभीर रोगी को चिकित्सक के पास ले जाते और दवा लिखवा देते थे ।अब दिव्यांगों, बुजुर्गों ,असक्षम,गंभीर रोगियों को भी पहले पर्ची के लिए कतार में खड़ा रहना पड रहा है।पहले कई बार गंभीर मरीज को गाड़ी में ही डॉक्टर को दिखाया जाता था ।लेकिन अब फोटो खिंचवाना अनिवार्य है ।असक्षम,दिव्यांग,चलने फिरने में असक्षम ,खाट पर पडे गंभीर रोगी फोटो के लिए लाइन में खड़े होने से व्यथित है।इस अति संवेदनशील विषय पर सरकार की उदासीनता असंवेदनशीलता की शर्मनाक पराकाष्ठा है।राजस्थान सरकार ने हेल्थ स्कीम के तहत पेंशनर व सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने में परिवर्तन किया है। जो नीजि अस्पतालों की गड़बड़ी रोकने के लिये कारगर है।सरकार को निजी अस्पतालों पर नकेल कसनी ही चाहिये ।लेकिन सरकारी अस्पतालों पर नए नियम थोपने से वरिष्ठ पेंशनभोगियों ,दिव्यांगों ,असक्षम कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड रही है।सेवारत कर्मचारी व पेंशनर 1 दिसंबर 2024 से पहले आरजीएचएस कार्ड के माध्यम से कोई भी ओपीडी और आईपीडी पर्ची कटवा सकता था।लेकिन अब इसमें ओपीडी या आईपीडी की पर्ची लेने पर कर्मचारी पेंशनर का वेब कैमरे से फोटो खींचना अनिवार्य कर दिया है।जिससे लाखों पेंशनर,दिव्यांग,गंभीर रोगी,चलने फिरने में असक्षम व्यथित है।सरकार ने इसके लिए पिछले कई दिनों से वेबसाइट पर नोटिफिकेशन चलाया था। हालांकि नोटिफिकेशन में वेब कैमरे से फोटो खिंचवाने के साथ बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट भी शुरू होना बताया जा रहा था।लेकिन अब केवल वेब कैमरे से फोटो खींचना ही शुरू किया है।बिना सरकारी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के सुझाव मांगे यह नई आफत खडी करने से रोष फैलता जा रहा है।अति वरिष्ठ पेंशनर ,दिव्यांग,चलने फिरने में असक्षम रोगी जिनके बीपी, शुगर है। नियमित दवाई चलती है।उनको दवाई लेने के लिए अस्पताल जाकर लाइनों में घंटों खडा रहना पड़ रहा है।चलने फिरने में असक्षम को भी फॉलो अप दवा लिखवाने के लिए अस्पताल आना पड़ रहा है। बुजुर्गों के लिए आरजीएचएस की पुरानी व्यवस्था ही होनी चाहिए ।इससे जो पेंशन चलने फिरने में असमर्थ है या जिन्हें रेगुलर दवाई की आवश्यकता होती है। उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड रहा है।अस्पतालों में डॉक्टरों को दिखाने से पहले पर्ची की लाइन में ,डाक्टरों को दिखाने के लिये दो बार लम्बी लाइनों में भी जूझना पड रहा है।सर्वर डाउन होने,धीमे चलने से भी लम्बा इंतजार करना पड़ता है ।राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ कर्मचारी नेता गोपाल सिंह राव ने दर्जनों असक्षम,दिव्यांग,चलने फिरने में असक्षम कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के घर जाकर उनकी समस्याओं को देखकर जाना । राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व चिकित्सा मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर को पत्र लिखकर व मेलकर स्थिति की समीक्षा कर राहत दिलाने की मांग की।सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक पूर्ण पारदर्शिता से काम कर रहे है।सरकारी अस्पतालों में पूर्व की तरह व्यवस्था बरकरार रखने की पूरजोर मांग की।अधिकांश कर्मचारी व पेंशनभोगी सरकारी अस्पताल से ही इलाज लेते है।जहाँ पारदर्शी कामकाज है।सरकारी अस्पतालों में पहले की व्यवस्था तथा प्राइवेट अस्पतालों में नवीन व्यवस्था लागू कर राहत देने की गुहार की।समाजसेवी जय विक्रम हरण,वरिष्ठ पेंशनर गणपत सिंह देवडा,भीक सिंह भाटी,दिलीप सिंह जागरी सहित पेंशनभोगियों व कर्मचारियों ने व्यवस्था सुधारने की मांग की।