20 मार्च गुरुवार को बिलाली में भरेगा शीतला माता का विशाल मेला

नारायणपुरः (भारत कुमार शर्मा) नारायणपुर के बिलाली में शीतला माता का लक्खी मेला गुरुवार यानी 20 मार्च को बड़े ही धूमधाम से भरेगा। मेले को लेकर मेला कमेटी की ओर से तैयारियां जोरों पर है, जिसमें क्षेत्र सहित आसपास के राज्यों से लाखों श्रद्धालु मेले में पहुंचकर माता के मंदिर में धोक लगाएंगे। मेला कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व सरपंच खेमचंद गुर्जर ने बताया कि रांदापुआ बुधवार का और बास्योडा गुरुवार का रहेगा और गुरुवार को बिलाली में शीतला माता का मेला भरेगा। गुरुवार को शीतला माता को ठंडे पकवानों का भोग लगेगा।
शीतला माता का मंदिर गांव बिलाली तहसील नारायणपुर जिला कोटपुतली बहरोड़ में स्थित है। यह स्थान बानसूर से 21 और नारायणपुर से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। शीतला माता मंदिर शील डुंगरी लुनियावास चाकसु जयपुर के बाद राजस्थान का दूसरा शीतला माता मंदिर यहीं पर है। लोक मान्यतानुसार यहां चेचक, चर्म रोग, आँखों सम्बन्धी रोग से पीड़ित व्यक्ति ठीक होते हैं। यहां चैत्र कृष्ण अष्टमी को प्रतिवर्ष मेला लगाता है। लोग यहां जात जड़ूले लेकर आते हैं। शीतला माता दौराता गुर्जरों बासनीवाल कुम्हारों और राजौरीया सैनियों की कुल देवी है। माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाता है, जिसे बस्योड़ा कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार बिलाली गांव में शीतला माता 12वीं शताब्दी में प्रकट हुई। उस समय यहां नीमराना के चौहान वंश का राज्य था। कुल के कुंड निवासी बीला गुर्जर गोत्र दौराता और बीलाड़ कुम्हार गोत्र बासनीवाल को पशु चराने के दौरान एक दिन आकाशवाणी हुई और उसी के अनुसार उन्होंने मंदिर की स्थापना की। इसके साथ ही बिलाली नाम से गांव की नींव रखी।
जानकारों के अनुसार प्रारंभ में माता पीर सन्ज्यनाथ की तपोस्थली कूल के कुंड में प्रकट हुई। वहीं बाद में निज स्थान पर स्थापित की गई। शुरुआत में माता का मंदिर कच्चा था। वर्तमान में मंदिर के पुजारी बासनीवाल कुम्हार और राजोरिया सैनी हैं। बिलाली माता का मंदिर विशाल और आधुनिकता लिए हुए हैं। मंदिर के पास में ही अनेक धर्मशालाएं बनी हैं । जहाँ रुकने ठहरने की समुचित व्यवस्था है। वहीं मेले में सुरक्षा व्यवस्था और शांति व्यवस्था के लिए पुलिस जाब्ता तैनात रहेगा।






