खाद्य सुरक्षा योजना में वंचितों को जोड़ने के लिए "गिव अप अभियान" जारी, सक्षम परिवार खुद हटवाएं अपना नाम

खैरथल (हीरालाल भूरानी ) जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जिले में कुल 1,42,361 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे 6,44,858 लोग योजना का लाभ ले रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल ने यह सुनिश्चित करने के लिए "गिव अप अभियान" की शुरुआत की है कि केवल जरूरतमंद परिवार ही इस योजना का लाभ उठाएं। राज्य के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को योजना से बाहर करना है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, ताकि असली जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल सके।
सरकार ने कुछ मानदंड तय किए हैं, जिनके आधार पर लोग अपना नाम योजना से हटा सकते हैं-यदि परिवार में कोई आयकर दाता है अथवा परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक है अथवा यदि परिवार के पास निजी चौपहिया वाहन है। उन्होंने बताया कि इच्छुक उपभोक्ता अपने राशन डीलर के पास उपलब्ध गिव अप फार्म भर सकते हैं या सादे कागज पर आवेदन देकर भी नाम हटवाया जा सकता है। इसके लिए जिला रसद कार्यालय या एसडीएम कार्यालय में भी सीधे आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़ने के लिए नए लाभार्थियों को निकटतम ई-मित्र केंद्र पर आवेदन करना होगा। ई-मित्र संचालक दस्तावेजों की जानकारी देंगे और प्रक्रिया में सहायता करेंगे। नाम जोड़ने से पहले प्रशासन द्वारा गठित कमेटी पूरी जांच करेगी।
खाद्य मंत्री ने सभी जिलाधिकारियों कलेक्टर व जिला रसद अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा में नाम जोडने के लिए बनाई गई कमेटियों से पूर्ण जांच करवा कर ही नाम जोडे जावे। यदि बिना जांच के नाम जोडे गये है तो उनकी पुनः समीक्षा करते हुए विधिवत कमेटी से जांच कराकर ही नाम जोड़ें। अपात्र पाये जाने पर नाम तत्काल हटा दिये जावें। जांच में कोई इस प्रकार की अनियमितताएं करने में संलग्न पाए जावें तो उनके विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जावेगी। नाम स्वयं कटवाने की अंतिम तिथी अभी तक 31 मार्च है तब तक स्वयं नाम हटवाने के विरूद्ध कोई कार्यवाही अमल में नही लाई जायेगी। 31 मार्च 2025 के बाद जांच में कोई व्यक्ति वास्तविक लाभार्थी ना होने पर भी योजना का लाभ उठाते पाया गया तो उसके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाते हुए। उठाए गये गेहूँ की बाजार मूल्य दर पर वसूली भी की जावेगी।






