एमएसएमई इकाईयों के विस्तार हेतु 50 करोड रूपये तक का मिलेगा ऋण

भरतपुर, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के संतुलित एवं समावेशी तीव्र विकास के माध्यम से राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक सुदृढीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई नीति 2024 लागू की गई है।
महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र सीएम गुप्ता ने बताया कि एमएसएमई नीति 2024 के अंतर्गत नये एमएसएमई उद्यमों के सृजन तथा विद्यमान एमएसएमई इकाईयों के विस्तार हेतु 50 करोड रूपये तक ऋण राशि पर रिप्स 2024 अंतर्गत देय ब्याज अनुदान के अलावा चयनित इकाईयों को 2 प्रतिशत तक अतिरिक्त ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि लघु एवं मध्यम इकाईयों द्वारा एसएमई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से धन जुटाने के लिये किये गये खर्च पर अधिकतम 15 लाख रूपये तक की एकमुश्त सहायता मिलती है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा स्थापित प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों से उन्नत प्रौद्योगिकी, सॉफटवेयर अधिग्रहण हेतु किये गये व्यय पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रूपये) तक की पुनर्भरण सहायता मिल सकेगी।
राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रमाणन प्राप्ति तथा बौद्धिक संपदा अधिकार हेतु व्यय पर 50 प्रतिशत अधिकतम 3 लाख रूपये तक की पुनर्भरण सहायता, एमएसएमई उत्पादों के विपणन हेतु राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने पर स्टॉल रेन्ट अनुदान व आवागमन हेतु अधिकतम 1 लाख 50 हजार रूपये तक की सहायता उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने बताया कि उद्यमों के डिजिटलाइजेशन हेतु उपकरण व सॉफटवेयर क्रय पर हुये व्यय का 75 प्रतिशत अधिकतम 50 हजार रूपये तक का पुनर्भरण, ई-कॉमर्स के प्रयोग को प्रोत्साहित करने हेतु प्लेटफॉर्म फीस का 75 प्रतिशत अधिकतम 50 हजार रूपये तक का पुनर्भरण जैसे प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने बताया कि भरतपुर एवं डीग में पंजीकृत समस्त एमएसएमई इकाईयों से अपेक्षा है कि योजना का अधिकाधिक लाभ उठावें। योजना अंतर्गत आवेदन एवं विस्तृत जानकारी कार्यालय जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र भरतपुर से प्राप्त की जा सकती है।






