निरंकारी श्रद्धालुओं द्वारा समर्पण दिवस पर बाबा हरदेव सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पित

खैरथल ( हीरालाल भूरानी )
संत निरंकारी मिशन द्वारा समर्पण दिवस के अवसर पर युक्त दृष्ट बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की पुण्य स्मृति में एक भावनात्मक वर्चुअल संत समागम का आयोजन किया गया सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजापिता रमित जी के दिव्य सानिध्य में आयोजित इस समागम में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन सहभागिता की
समर्पण दिवस के अवसर पर अलवर निरंकारी सत्संग भवन पर जिला संयोजक सोमनाथ निरंकारी के अध्यक्षता में संत समागम का आयोजन किया गया। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रेम नम्रता एकता को अपने भीतर बसा कर ही हम सच्चा आदर करना ही समर्पण हैं ।
संत निरंकारी मंडल के प्रेस एण्ड पब्लिसिटी विभाग के अमृत खत्री ने बताया कि समर्पण दिवस के अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने वर्चुअल सत्संग में श्रद्धालुओं को संबोधित किया कि सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का जीवन हर क्षण प्रेम त्याग सेवा और शिक्षाओं से परिपूर्ण था ऐसा ही भक्ति समर्पण वाला जीवन हम सभी का हो यह समर्पण केवल शब्दों तक सीमित ना रहे बल्कि जीवन के व्यवहार में उतरे ।
सदगुरु माताजी ने स्पष्ट किया कि सच्चा आदर और प्रेम केवल वाणी से नहीं बल्कि कर्मों से प्रकट होता है यदि हम बाबा जी की शिक्षाओं को केवल सोशल मीडिया तक सीमित रखते हैं तो वह सच्चा समर्पण नहीं समर्पण का वास्तविक रूप तभी प्रकट होता है जब हम अपने भीतर जाकर और आत्मविश्वास विश्लेषण करें क्या हम वास्तव में विनम्रता क्षमा और प्रेम जैसे गुना को जी रहे हैं समर्पण दिवस केवल एक तिथि नहीं बल्कि यह अवसर है। यह सोचने का की क्या हम वाकई अपने जीवन को इन शिक्षाओं से जोड़ पाए हैं ।
समर्पण दिवस के अवसर पर सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के कर कमल द्वारा हरदेव वचनामृत का विमोचन किया गया जिसमें युग दृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी के दिव्य विचार उपदेश और सत्संग वचनों को संयोजित किया गया है । निसंदे बाबा हरदेव सिंह जी की दिव्य छवि हर श्रद्धालु के अंतर्मन में एक अमित स्मृति बन चुकी है आज सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज बाबा जी की शिक्षाओं को आगे बढ़ते हुए ब्रह्म ज्ञान की ज्योति से मानवता को आलोकित कर रहे हैं ।






