गुर्जर महापंचायत में उमडी भीड,आरक्षण को लेकर सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी, 31 तक का दिया अल्टीमेटम

Oct 18, 2020 - 02:00
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गुर्जर महापंचायत में उमडी भीड,आरक्षण को लेकर सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी, 31 तक का दिया अल्टीमेटम

बयाना भरतपुर  

बयाना,17 अक्टूबर। बयाना के गांव अड्डा में शनिवार को गुर्जर समाज की ओर से आयोजित महापंचायत में गुर्जर आरक्षण व समाज की विभिन्न मांगो को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। महापंचायत की अध्यक्षता बुजुर्ग तोताराम पटेल ने की व गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिती के संयोजक कर्नल किरोडीसिंह बैंसला मुख्य अतिथि व युवा गुर्जर नेता विजयसिंह बैंसला मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। आरक्षण को लेकर हुए आंदोलनों व महापंचायतों के पूर्व के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार भी जिला पुलिस व प्रशासन सहित स्थानीय पुलिस व प्रशासन की ओर से विशेष सतर्कता बरतते हुए चाक चैबंध प्रबंध किए गए थे। सशस्त्र पुलिस जाप्ता, क्यूआरटी, व एसटीएफ, आरएसी, महिला पुलिस व गुप्तचरों सहित पुलिस व प्रशासन के अनेको अधिकारी तैनात किए गए थे। भरतपुर के जिला कलैक्टर व एसपी भी यहां तीन दिनों से डेरा डाले बैठे थे और प्रत्येक गतिविधी पर नजर बनाए हुए थे। सरकार की ओर से वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डाॅ.नीरज के पवन को भी कर्नल बैंसला से वार्ता करने के लिए खास तौर से तैनात किया गया था। महापंचायत के शांतीपूर्ण ढंग से समापन होने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। महापंचायत में शामिल हुए युवाओं में आरक्षण को लेकर खासा उत्साह देखा गया। जो महापंचायत के दौरान बीच बीच में जोशीले नारे लगाकर लोगों का उत्साहवर्धन कर रहे थे। अपने चिरपरिचित अंदाज में महापंचायत को संबोधित करते हुए कर्नल किरोडीसिंह बैंसला ने कहा कि आरक्षण कोई खैरात नही उनका हक है। जिसे वह पूरा लेकर रहेंगे। अपना हक पूरा तभी मिलेगा जब समाज एकजुट होकर सरकारों को अपनी ताकत का एहसास कराएगा। उन्होंने सभी सरकारों पर जानबूझकर गुर्जर समाज की उपेक्षा करने के आरोप लगातेे हुए कहा कि उन्होंने समझौता व समय लेने की आड में हमेशा छल किया जिससे समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। जिसे अब बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नही कि समाज को अब तक आरक्षण के जो लाभ मिले है वह समाज की एकता व संघर्ष और वार्ताओं की बदौलत ही मिले है। किन्तु अब समाज व सरकार के बीच हुए समझौतों की पालना व उनके हकों को उन्हें देने में दिनों दिन टालमटोल की जा रही है। जो समाज के लिए असहनीय है। उनके संबोधन के दौरान महापंचायत में मौजूद युवकों ने कई बार महापंचायत को पडाव में बदलने और अंादोलन का रूप देने के लिए शोर शराबा भी किया।

कर्नल बैंसला ने समाज के प्रबुध लोगों व पंच पटैलों से राय मशबरा कर आगामी 31 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि या तो राज्य व केन्द्र सरकार उन्हें उनके हक व पूरा आरक्षण इससे पहले दे अन्यथा 1 नबम्बर से राजस्थान में चक्काजाम आंदोलन शुरू किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। कर्नल बैंसला ने अपने फौजी अंदाज में कहा कि जब तक उनमें दम है वह समाज के हकों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। राजनीती या राजनैतिक पार्टीयां उनके लिए कोई मायने नही रखती है। उनके लिए समाज सर्वोपरि है।  इस बार इस महापंचायत की कमान कर्नल बैंसला के पुत्र व युवा नेता विजयसिंह बैंसला और उनकी टीम ने संभाल रखी थी। महापंचायत को संबोधित करते हुए विजयसिंह बैंसला ने राज्य सरकार के साथ ही केन्द्र सरकार व भाजपा को भी जमकर आडे हाथ लेते हुए कहा कि राजस्थान की जनता और गुर्जर समाज ने बडे अरमानों के साथ केन्द्र की भाजपा सरकार को लोकसभा की 25 की 25 सीटें दी है। लोकसभा अध्यक्ष व कोटा सांसद ओम बिडला एवं भाजपा ने भी लोकसभा चुनावों के समय गुर्जर समाज और राजस्थान की जनता से उनके हक उन्हें दिलाने और गुर्जर समाज के आरक्षण के मसले को केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल किए जाने का वादा किया था।  लेकिन सत्ता में आने के बाद वह भी अपने वादों और गुर्जर समाज व प्रदेश की जनता को भूल गए है। आज तक 25 में से एक भी सांसद ने उनकी आवाज लोकसभा में नही उठाई है। उन्होंने इस महापंचायत में एक भी सांसद व अन्य जनप्रतिनिधीयों के शिरकत नही करने पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि वह गुर्जर समाज को इतना भोला भी ना समझे कि वह कुछ करेगा नही उन्होंने प्रधानमंत्री को भी अच्छे दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें भी अब उनसे इस मुद्दे को लेकर चाय पर चर्चा करने का इंतजार है। संघर्ष समिती के सदस्य भूरा भगत ने बताया कि जब तक केन्द्र सरकार गुर्जर आरक्षण केन्द्र की 9 वीं अनुसूची में शामिल नही करेंगी और बैकलाॅक की रिक्तियों को भरने व प्रक्रियाधीन भर्तीयों में पूरा पांच प्रतिशत आरक्षण नही देगी और सरकार व संघर्ष समिती के बीच हुए समझौते की पालना सहित अन्य मांगों को नही माना जाएगा तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। महापंचायत का संचालन मटौलसिंह ने किया जिसमें समाज के पंच पटैलों व सरपंचों सहित संघर्ष समिती के अन्य लोगों ने भी बढचढकर भाग लिया था।

बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट,,,,,,,

 

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