बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया की नजर, नियम विरुद्ध किए गए आवंटन का निरस्त करने की मांग

Sep 22, 2021 - 03:19
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बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया की नजर, नियम विरुद्ध किए गए आवंटन का निरस्त करने की मांग

कामां (भरतपुर, राजस्थान/ हरिओम मीणा)कामां कस्बा के अदालत तिराहे के पास पहाड़ी-जुरहेरा मार्ग पर स्थित बेशकीमती जमीन पर अब भूमाफिया की नजर है। मामले में पहले अधिकारियों ने मिलीभगत कर उक्त गैर मुमकिन खाई की जमीन का नियम विरुद्ध तरीके से आवंटन कर दिया गया और अब इस पर प्लाटिंग किए जाने की कोशिश कर करोडों रुपए बटोरने की साजिश रची जा रही है। मामले को लेकर कस्बेवासियों ने एक शिकायती पत्र मुख्यमंत्री सहित जिला कलेक्टर को भेजा है। जिसमें आवंटन रद्द कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है। शिकायती पत्र के साथ तमाम आवश्यक सबूत भी संलग्न किए गए हैं।
पूर्व चेयरमैन रामशरण दनगस व पूर्व पार्षद बृजलाल सैनी सहित कस्बेवासियों की ओर से भेजे गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि कस्बा कामां नंबर दो में स्थित आराजी खसरा नंबर 2812/0.80 हेक्टेयर गैरमुमकिन खाई हाल खसरा नंबर 1138 रकबा 0.40 हेक्टेयर व 1139 रकबा 0.40 हेक्टेयर हैं। खसरा नंबर 1138 पूर्ण व 1139 के कुछ भाग में सिंचाई विभाग का ऑफिस बना हुआ है। जबकि 1139 के रकबा 0.40 हेक्टेयर का आवंटन कमेटी द्वारा मोतीलाल को वर्ष 1967 में किया गया है। जिसको खातेदारी का अधिकार भी मिला हुआ है। लेकिन उक्त भूमि की किस्म जमीन गैरमुमकिन खाई है, जो कि पानी के नीचे डूबे हुए स्थान हैं। जिनका आवंटन किया जाना उच्च न्यायालय द्वारा अब्दुल रहमान बनाम सरकार केस में पारित आदेशों के विरुद्ध है। ऐसे में उक्त भूमि का आवंटन निरस्त कराने के लिए रैफरेंस कराया जाना आवश्यक है। उक्त जमीन से आवंटन दिनांक से आज तक इस पर आवंटी का कब्जा नहीं रहा है और कभी खेती नहीं की गई। क्योंकि जलभराव क्षेत्र और बाद में सिंचाई विभाग का ऑफिस व नगर पालिका द्वारा चुंगी भवन बनाने और इस भूमि के बीच में एक शिवलिंग स्थापित होने से यह भूमि सार्वजनिक उपयोग के काम आ रही है।

  • अब भूमाफिया बेचने के फिराक में:-

शिकायती पत्र में बताया गया है कि इसमें प्राचीन भगवान शिव का परिवार स्थापित होने के कारण इस जमीन पर पहले भी भूमाफियाओं के कब्जे को लेकर विवाद की स्थिति बन चुकी है। जिसको लेकर पहले उपखंड अधिकारी डीग द्वारा इस भूमि पर वर्ष 1986 में थानाधिकारी कामां को रिसीवर नियुक्त किया गया था। लेकिन बाद में तत्कालीन उपखंड अधिकारी कामां ने सांठगांठ कर रिसीवरी समाप्त कर दी। जिसके बाद राजस्व रिकार्ड में दर्ज खातेदार ओमप्रकाश द्वारा खसरा नंबर 1139 के रकबा 0.40 हेक्टेयर के 9/40 हिस्से का बेचान प्रेमसिंह निवासी ऐंचवाडा व राजू शर्मा निवासी कामां को कर दिया गया। राजनीतिक रसूख के चलते  ये लोग मंदिर भूमि व अन्य विवादित भूमियों को सस्ती दरों में खरीद कर उनको प्लाटिंग कर महंगे दामों में बेचने का काम कर रहे हैं। जिन्हें रोका जाना आवश्यक है। पत्र में उक्त भूमि के बेचान के नामांतरण की कार्रवाई पर रोक लगाई जाकर आवंटन व खातेदारी को निरस्त कराने के लिए रैफरेंस कराए जाने की मांग की गई है। 

  • क्यों है भूमाफिया की नजर:-

उक्त जमीन अदालत तिराहे के पास मुख्य सड़क के किनारे  पहाड़ी व जुरहरा रोड पर दो साइड खुली है। व्यवसायिक भूमि होने के कारण जिसकी बाजार में अभी करीब 5 करोड़ से अधिक की कीमत है। ऐसे में रसूखदारों का संरक्षण प्राप्त भूमाफिया उक्त जमीन को बेचने की फिराक में है।

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