अकलियत चुनाव में आयु की बाध्यता का विरोध हुआ शुरू
मकराना (नागौर, राजस्थान/ मोहम्मद शहजाद) मुस्लिम अकलियत जमात के चुनावों की प्रक्रिया का विरोध शुरू हो गया है। तीन दिन पूर्व ही अकलियत जमाअत खाना में कार्यकारिणी व पदाधिकारियों ने एक बैठक का आयोजन कर आगामी चुनावों में कम से कम 45 वर्ष से अधिक आयु के ही व्यक्ति को जमाअत का अध्यक्ष चुना जाने और मोतबरो को अहमियत देने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया था। इस प्रस्ताव के खिलाफ मकराना अकलियत जमाअत के युवा व अन्य बुजुर्गो ने माताभर क्षेत्र में एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता मकराना नगर परिषद के पार्षद सिराज सिद्दीकी ने की। युवाओं और बुजुर्गों ने वर्तमान कमेटी के सदर के लिए चुनाव आयु 45 वर्ष होने का खंडन किया और इसे युवाओं के अधिकारों पर कुठाराघात बताया। साथ ही आयु की सीमा का निर्धारण करने के निर्णय को भारतीय संविधान के विरूद्ध है। सिद्दीकी ने कहा कि सभी को मिलकर ही सदर चुनना है राजनीतिक दबाव किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। बैठक मे आये सभी बुजुर्गों ने इस बार युवाओं को कमेटी की बागडोर संभालने की बात रखी। बैठक में सिराज सिद्दिकी ने बताया कि आगामी 30 दिसम्बर 2021 को संस्था की होने वाली आम बैठक में संस्था के चुनावों को लेकर आम राय से सर्व सम्मति बनती है तो उसे समाज के हर एक तबके को स्वीकार करना होगा। सर्वसम्मति नहीं बनने पर बैलेट से सभी पदों के लिये चुनाव करवाये जावे। साथ ही उक्त आयु की अनिवार्यता का व्यापक स्तर पर विरोध किये जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में आशु गौरी मकराना को संस्था सदर के चुनाव में उम्मीदवार बनाने को लेकर युवाओं ने सहमति प्रदान की। इस मौके पर नवाब अली सपनीगर, मास्टर मोहम्मद हुसैन सपनीगर, शेख फतेह मोहम्मद, निसार अहमद, अब्दुल कयूम हलाली, अब्दुल शकूर, मोहम्मद रमजान, बशीर अहमद शीशगर, शमशुद्दीन लोहार, फारूख शेख, कादिर मंसूरी, मुस्ताक अली लोहार, अतिकुर्रहमान कुरैशी, अब्दुल सत्तार सपनीगर, इस्लाम जोया, नदीम मंसूरी, खाजुद्दीन सपनीगर, मोहम्मद रफीक लोहार, पप्पू सपनीगर, अब्दुल रहमान सपनीगर सहित अनेक जने मौजूद थे।