पांचना बांध के गेट खोलने की अफवाह से परेशान रहे लोग

Aug 22, 2020 - 01:15
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पांचना बांध के गेट खोलने की अफवाह से परेशान रहे लोग

बयाना,भरतपुर 
बयाना (21 अगस्त)। बयाना में शुक्रवार को तीसरे दिन भी करौली जिले के पांचना बांध के गेट खोले जाने की अफवाह से लोगों में दिनभर हलचल का माहौल रहा। ऐसी अफवाहों को कथित सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई झूठी खबरो से भी बल मिला। कई लोग कभी पुलिस व प्रशासन के तो कभी जलसंसाधन विभाग के अधिकारीयों को फोन कर जानकारी करते देखे गए। इधर यहां के उपखंड अधिकारी सुनील आर्य ने करौली जिले के पांचना बांध के गेटों को खोले जाने की खबर को अफवाह मात्र बताते हुए बताया कि पांच गेटों को खोलना तो दूर अभी तक एक भी गेट को बांध के पानी की निकासी के लिए नही खोला जा सका है। उन्होंने बताया कि पांचना बांध के इस बार लबालब भर जाने की सूचना पर बयाना क्षेत्र के गंभीर नदी के इलाके के गांवों के लोगों, किसानों व पशुपालकों को पिछले कई दिनों से चेतावनी देकर सतर्क किया जा रहा है। इस कार्य के लिए राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग व जलसंसाधन विभाग के अधिकारीयों व कर्मचारीयों को ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता के लिए नियमित भेजा जा रहा है और नियमित निगरानी की जा रही है। पांचना बांध से छोडे जाने वाला पानी गंभीरनदी के रास्ते हिण्डौन बयाना व रूपवास होते हुए उत्तर प्रदेश की ओर निकल जाता है। वर्षा ऋतु में बांध को खतरा होने  पर जब यह पानी गंभीर नदी में छोडा जाता है। तो कई जगह तबाही का मंजर बन जाता है। वहीं यह पानी जरूरत के समय कभी कभार ग्रीष्म ऋतु व शीतऋतु में छोडा जाता है तो खेती बाडी और प्शुपालकों के लिए बेहद लाभप्रद होता है। भूमि का जलस्तर बढता है। वहीं सूखी पडी गंभीर नदी भी इस पानी से लहलहा उठती है। किन्तु पांचना बांध क्षेत्र के दो समुदायों की मनमानी व लडाई और राजनैतिक मजबूरी के चलते कई दशक से इस बांध से गंभीर नदी में भरतपुर जिले के हिस्से का पानी नही छोडा जा रहा है। जिससे कई दशक से गंभीर नदी सूखी पडी है। श्रीमहावीरजी से हिण्डौन बयाना रूपवास तक के इलाके का भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है। खेती की जमीन की उर्वरा शक्ति भी धीरे धीरे नष्ट होकर अब यह इलाका रेगिस्तान में तब्दील होता जा रहा है। जिससे किसानों की पैदावार में भारी गिरावट और उनकी माली हालत भी बिगडती जा रही है। जबकि मोदी सरकार दो वर्षों में किसानों व पशुपालकों की आय दो गुनी करने की बडी बडी बातें कर रही है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि जनहितों व किसानों के हितों की लडाई लडने की बातें करने वाले कथित बडे राजनेता भी पांचना बांध से श्रीमहावीरजी व हिण्डौन एवं सूरौठ क्षेत्र सहित भरतपुर जिले के हिस्से के पानी को दिलाने की बात पर चुप्पी साधे रहते है। जिसका खामियाजा गरीब किसानों व पशुपालकों सहित सभी लोगों को भुगतना पड रहा है। 

  • बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट 


 

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