घनघोर वर्षा व गर्जना के साथ मनाई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
बयाना भरतपुर
बयाना 13 अगस्त। बयाना कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार योगीराज भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पारम्परिक रूप से घर घर में श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर घर घर में लड्डू गोपाल जी के दरबार व झांकिया सजाई गई। भजन कीर्तन व बधाए गाए और मंदिरों में इस बार हिंडौले व सजीव झांकियों की सजावट के बजाए केवल साधारण धार्मिक झांकी सजावट, रोशनी, पूजा अर्चना और प्रसाद वितरण आदि कार्यक्रम हुए।कोरोना संकट के चलते इस बार मंदिरों व अन्य कार्यक्रमों में और बार जैसी भीडभाड व उत्सव जैसा माहौल नही रहा था। बताया गया कि सरकारी एडवाईजरी और कोरोना संकट के चलते भीडभाड से बचने व सोशल डिस्टैंसिंग की पालना के लिए इस बार कहीं भी जन्माष्टमी से संबंधित सार्वजनिक धार्मिक समारोहों के आयोजन नही किए जा सके थे। जिससे श्रद्धालुओं को भी काफी निराशा हुई थी। चूकिं बयाना क्षेत्र व कस्बा महाभारत काल से पूर्व का बताया जाता है। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्राचीन काल में बयाना को शोणितपुर व श्रीपथ नगर के नाम से जाना जाता था। जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में उनकी विशेष क्रीडास्थली व युवा अवस्था में युद्ध स्थली हुआ है। यहां श्रीकृष्ण ने वाणासुर राक्षस से द्वंदयुद्ध कर उसे परास्त किया था। इसलिए इस क्षेत्र में भगवान कृष्ण के प्रति सभी लोगों में विशेष आस्था व श्रद्धा रहती है और आज भी यहां घर घर में लड्डूगोपाल के रूप में प्रतिदिन उनका दरबार सजाया व पूजा अर्चना की जाती है।
हजारों साल पहले जैसा बना संयोगः- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस बार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय हजारों साल पहले जैसा संयोग बना था। रात्रि 12 बजे बाद जैसे ही मंदिरों मे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की घोषणा के साथ ही घंटे घडियालों की आवाज व शंखनाद गूंजा वैसे ही आसमान में आकाशीय बिजली के चमकने व गरजने की तेज गर्जना और रिमझिम बरसात शुरू हो गई थी। जो देखते देखते थोडी देर में घनघोर बरसात के रूप में परिवर्तित हो गई थी। जिससे श्रद्धालु भी झूम उठे थे।
संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट